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उत्तर प्रदेश में बेघरों को नाइट शेल्टर पर योगी सरकार से नाराज सुप्रीम कोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी को कोर्ट बुलाया

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को बेघरों के लिए नाइट शेल्टर के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है. साथ ही SC ने यूपी के चीफ सेक्रेटरी और आवास के प्रमुख सचिव को अगली तारीख पर कोर्ट में तलब किया है. उत्तर प्रदेश सरकार के हलफनामे से असंतुष्ट सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लगता है कि यूपी सरकार 2020 तक ये काम नहीं कर पाएगी.

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ नाइट शेल्टर
inkhbar News
  • Last Updated: December 13, 2017 14:33:46 IST

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को बेघरों के लिए नाइट शेल्टर के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के चीफ सेक्रेटरी और आवास के प्रमुख सचिव को अगली तारीख पर कोर्ट में तलब किया है. उत्तर प्रदेश सरकार के हलफनामे से असंतुष्ट सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लगता है कि यूपी सरकार 2020 तक ये काम नहीं कर पाएगी. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जब हलफनामा दाखिल करें, तो सारी जानकारी देनी चाहिए. सिर्फ हलफनामे में ये कहने से कि हम काम कर रहे हैं, इससे काम नहीं चलेगा. अगर सरकार गंभीर है और उसे काम पर गर्व है तो कोर्ट को बताएं कि क्या काम किया है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को हलफनामा दाखिल कर ये बताने को कहा था कि रैन बसेरों में निर्माण की स्थिति क्या है ? कितना पैसा लग रहा है? कितने बनवाए गए हैं ? सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के चीफ सेकेट्री को भी तलब किया. सुप्रीम कोर्ट योगी सरकार से सवाल पूछा है कि सरकार कह रही है कि नए नाइट शेल्टर बनाएंगे ये कब शुरु होगा, कितना पैसा, कितना वक्त लगेगा, क्या सुविधाएं होंगी ?

कोर्ट ने कहा कि ये वो लोग नहीं हैं जो अपनी इच्छा से गरीब हैं, घर नहीं चाहते, सरकार को उनकी मदद करनी चाहिए. ठंड की शुरुआत हो रही है, लोगों को जरूरत है लेकिन सरकार को ये नहीं पता कि कितने लोग नाइट शेल्टरों में रह रहे हैं? उनके लिए खाना कहां से आ रहा है? क्या वो भीख मांगकर खाते हैं? क्या उनके सोने की व्यवस्था है या नाइट शेल्टर के फर्श पर सो रहे हैं? कोर्ट ने कहा कि यूपी में 1.80 हजार लोग बेघर हैं और सरकार ने सिर्फ 6 हजार लोगों के लिए व्यवस्था की है. बाकी 1.74 लाख लोगों का क्या?
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा था कि नाइट शेल्टरों को लेकर योजना खत्म क्यों नहीं कर देते ? सरकार अपना पैसा नाले में क्यों बहा रही है ? 1000 करोड रुपये किसी और काम में खर्च करें ? इस पर गंभीरता से विचार करें. कोर्ट ने कहा है कि ये टैक्सपेयर के पैसे का दुरुपयोग है.

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