नई दिल्ली. तमिलनाडु की दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत से पहले का एक वीडियो जारी हुआ है. यह वीडियो उस वक्त का है जब वे अपोलो अस्पताल में एडमिट थीं. इसमें वे बेड पर बैठी कुछ पी रही हैं. इस वीडियो को लेकर तमिलनाडु के राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का माहौल गर्म हो गया है. यह वीडियो चेन्नई की आरके नगर विधानसभा क्षेत्र में होने जा रहे उपचुनाव से एक दिन पहले जारी होने के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. जयललिता की पिछले साल दिसंबर महीने में अस्पताल में मौत हुई थी. वे लंबे समय से बीमार थीं. उनकी मौत के बाद उनकी विरासत पर वर्चस्व की लड़ाई काफी तीव्र हुई थी.
इस वीडियो को विरासत की लड़ाई को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से जारी किया गया है या सिर्फ चुनाव जीतने के लिए, यह तो आने वाला समय ही बताएगा. लेकिन बताया जा रहा है कि यह वीडियो जयललिता की लंबे समय तक सहयोगी रहीं शशिकला के भतीजे टीटीवी दिनाकरण के सहयोगी ने जारी किया है. जयललिता लंबे समय तक चेन्नई के आरके नगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रही थीं. मृत्यु के समय तक भी वे इस सीट से विधायक थीं.
सूत्रों के मुताबिक, दिनाकरण गुट इस वीडियो के जरिए जयललिता की विरासत पर दावा पेश करने का सपना देख रहा है. दिनाकरण को सत्तारूढ़ एआईडीएमके ने इसी साल पार्टी से दरकिनार कर दिया था. वे अब इस सीट पर पार्टी के आधिकारिक प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.
जयललिता का पिछले साल पांच दिसंबर को देहावसान हुआ था. वे तीन महीने से अस्पताल में थीं. किसी को भी उनके पास जाने की अनुमति नहीं थी. इस दौरान उन्हें किसी ने भी नहीं देखा था. इस दौरान वे पूरी तरह से शशिकला की देखरेख में थीं. जयललिता को शशिकला ने किस हालत में अस्पताल में भर्ती कराया था इसपर भी सवाल उठे थे. कई लोगों ने कहा था कि जयललिता की तीन दिन पहले ही मौत हो गई थी लेकिन राजनीतिक हित साधने के लिए उनकी डेड बॉडी को अस्पताल में रखा गया था.
इस मामले में अपोलो अस्पताल ने भी कहा था कि जयललिता को 22 सितंबर को अस्पताल में लाया गया था. उस वक्त वे बेहोशी की हालत में थीं. वहीं शशिकला का विरोधी गुट जयललिता की मौत पर संदेह कर रहा था. दिनाकरण ने पहले भी कहा था कि उनके पास इस बात का सबूत मौजूद है कि जयललिता अस्पताल में जीवित थीं और उनका इलाज चल रहा था लेकिन वे इसे जाहिर नहीं करना चाहते. माना जा रहा है कि दिनाकरण गुट ने यह वीडियो इसीलिए जारी किया है ताकि लोगों तक जयललिता के सही इलाज का संदेश पहुंचे.
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