पुणे: भीमा कोरेगांव लड़ाई की सालगिरह पर फैली हिंसा पूरे में महाराष्ट्र में आग की तरह फैल चुकी है. राज्य ने कई जगह अतिरितक्त सुरक्षा बल को तैनात कर दिया है. वहीं केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा है कि महाराष्ट्र में जो कुछ हुआ वो शर्मनाक और निंदनीय है. उन्होंने कहा कि दलित की हत्या हुई है. हमारी मांग है कि जो भी दोषी हो उनपर कड़ी कार्रवाई हो. वहीं राहुल गांधी के बयान पर पासवान ने कहा कि उनसे और क्या उम्मीद की जा सकती है. इसके आगे पासवान ने कहा कि नई पीढ़ी का दलित अन्याय बर्दाश्त नहीं करेगा वह ज्वालामुखी बन सकता है.
दूसरी तरफ इस मामले में बसपा सुप्रिमो मायावती ने बयान देते हुए हिंसा का जिम्मेदार राज्य सरकार को ठहराया है. मायावती ने कहा कि यह हिंसा रोकी जा सकती थी. सरकार को हालात देखते हुए वहां सुरक्षा के अच्छे इंतजाम करने चाहिए थे. राज्य में बीजेपी सरकार है और बीजेपी ने ही वहां हिंसा कराई है. इस हिंसा में आरएसएस और कई जातिवादी लोगों का हाथ है. वहीं दूसरी तरफ हालात बिगड़ते हुए देखकर राज्य सरकार सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने में लगी हुई है. हालांकि, राज्य के कई जगहों पर बसों में तोड़ फोड़ और हिंसक प्रदर्शन जारी है. एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक इस मामले में पुणे के पिंपरी पुलिस स्टेशन में 2 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
बता दें कि पुणे के नजदीक भीमा कोरेगांव में सोमवार को भगवा ब्रिगेड द्वारा किए गए हमले के बाद मंगलवार को महाराष्ट्र के कई इलाकों में दलित संगठनों ने प्रदर्शन किया था. डॉ. भीमराव आंबेडकर के पोते और एक्टिविस्ट प्रकाश आंबेडकर सहित आठ संगठनों ने बुधवार को महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया. हिंसा के विरोध में मंगलवार को दलितों के प्रदर्शन से मायानगरी मुंबई सहित कई इलाकों में जनजीवन प्रभावित रहा था. प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को मुलुंड, चेंबूर, भांडुप, रमापाई आंबेडकरनगर और कुर्ला के नेहरूनगर में भी ‘रास्ता रोको’ के तहत जाम लगाने की कोशिश की. पुलिस जानकारी के मुताबिक, मुंबई के अलग-अलग स्थानों से 100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है.
दरअसल, भीमा कोरेगांव में दलित ‘शौर्य दिवस’ मनाने जा रहे दलितों पर दक्षिणपंथी संगठन के लोगों ने पत्थरबाजी की थी. हिंसा के विरोध में दलितों ने सोमवार को ही महाराष्ट्र बंद का ऐलान किया था जिसका असर राज्य के कई इलाकों में नजर आ रहा है. मुंबई से शिरडी तक कई दलित संगठन सड़कों पर नजर आए. सोमवार की घटना के विरोध में दलितों ने राज्य के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन किया. इसके चलते मुंबई में कई जगह दफ्तर बंद हैं, स्कूलों की छुट्टी कर दी गई और रेल के भी कई रूट बंद कर दिए गए हैं.