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दिल्ली नर्सरी एडमिशन: कमजोर वर्ग (EWS) के बच्चों का प्राइवेट स्कूलों में नर्सरी से पहली क्लास तक ऐसे होगा एडमिशन

दिल्ली में नर्सरी एडमिशन के लिए आरक्षित वर्ग का नॉटिफिकेशन न आने से अभिभावक काफी परेशान थे. ऐसे में सर्कुलर जारी होने से अभिभावकों को काफी राहत मिलेगी. दिल्ली में प्राइवेट स्कूल में एडमिशन का सपना काफी महंगा होता है. राइट टू एजुकेशन एक्ट 2009 के तहत आर्थिक रूप से कमजोर और आरक्षित वर्ग के छात्रों के एडमिशन के लिए हर प्राइवेट स्कूल में 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित होती हैं.

नर्सरी एडमिशन
inkhbar News
  • Last Updated: January 10, 2018 21:58:49 IST

नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नर्सरी एडमिशन की दौड़ तो पहले ही शुरू हो चुकी है. लेकिन अब दिल्ली सरकार ने आर्थिक कमजोर वर्ग (EWS) को दी जाने वाली छूट के तहत नर्सरी में दाखिला कराने का सर्कुलर जारी कर दिया है. प्राइवेट स्कूलों के नियम और मनमानी के कारण दिल्लीवासियों के लिए स्कूल एडमिशन खासा मुश्किलों भरा होता है. दिल्ली सरकार ने कमजोर आर्थिक वर्ग के बच्चों के एडमिशन कम्प्यूटराइज्ड तरीके से ही कराने का ऐलान किया है.

जिन अभिभावकों की वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम है या वंचित वर्ग (SC/ST/OBC नॉन क्रीमी लेयर/फिजीकली चेलैंज्ड/ अनाथ या ट्रांसजैंडर या एचआईवी संक्रमित) के छात्रों के एडमिशन कम्प्यूटराइज्ड लॉटरी के जरिए किया जाएगा. ये एडमिशन राइट टू एजुकेशन एक्ट 2009 के तहत किए जाएंगे जिसके अंतर्गत हर प्राइवेट स्कूल में 25 प्रतिशत सीटें आर्थिक कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित होती हैं. EWS छात्रों के एडमिशन की प्रक्रिया 15 जनवरी से शुरू हो जाएगी. इसमें स्कूल से दूरी के आधार पर भी एडमिशन को प्राथमिकता मिलेगी.

कोई अभिभावक अगर तीन साल से दिल्ली में रह रहा है और उसके पास एक लाख से कम वार्षिक आय का सर्टिफिकेट है, या बीपीएल राशन कार्ड धारक है उसके बच्चे को प्राइवेट स्कूल में आरक्षित सीट पर एडमिशन के लिए एलिजेबल माना जाएगा. एससी-एसटी, ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर या शारीरिक अक्षम बच्चों और अनाथ व ट्रांसजेंडर व एचआईवी संक्रमित बच्चों को भी इस कैटेगरी में एडमिशन दिया जाएगा.

एज लिमिट
प्री स्कूल (नर्सरी) के एडमिशन के लिए बच्चे की उम्र 31 मार्च को चार साल से कम होनी चाहिए. प्री प्राइमरी (केजी) में एडमिशन के लिए बच्चे की उम्र आगामी 31 मार्च तक 5 साल से कम होनी चाहिए और पहली क्लास में एडमिशन के लिए 6 साल से कम उम्र होनी चाहिए.

गौरतलब है कि दिल्ली के करीब 1700 स्कूलों में इस श्रेणी में हर साल तकरीबन 31 हजार सीटें होती हैं. आम आदमी पार्टी की सरकार से पहले दिल्ली के अधिकतम प्राइवेट स्कूलों में दाखिले ड्रॉ पद्धति पर आधारित होते थे. साल 2015 में दिल्ली में ‘आप’ की सरकार बनी और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कई शर्तों पर आधारित ड्रॉ प्रणाली को खत्म कर इसे ऑनलाइन प्रक्रिया में तब्दील कर दिया. अब दिल्ली में ऑनलाइन प्रणाली से एडमिशन होते हैं.

ऑनलाइन एडमिशन की प्रक्रिया का शेड्यूल इस प्रकार है-

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