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राहुल की जासूसी के पीछे का असल सच क्या है?

दिल्ली पुलिस की एक टीम द्वारा राहुल गांधी के ऑफिस पहुंचकर उनके बारे में पूछताछ करने से कांग्रेस भड़की हुई है. कांग्रेस ने इस मुद्दे पर गृह मंत्री और प्रधानमंत्री से व्यापक स्पष्टीकरण की मांग भी की है. कांग्रेस ने इसकी तुलना गुजरात के कथित फोन टैपिंग की घटना से की और कहा कि यहऐसा मामला है जिसके खिलाफ सभी दलों को खड़ा होना पड़ेगा. उधर सरकार ने कहा है कि यह प्रमुख व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए प्रोफाइल तैयार करने की एक प्रक्रिया है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित पूर्व प्रधानमंत्रियों और राजनीतिक दलों के अध्यक्षों के बारे में भी इसी प्रकार की सुरक्षा प्रोफाइलिंग की गई है.

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  • Last Updated: March 16, 2015 15:47:55 IST

नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस की एक टीम द्वारा राहुल गांधी के ऑफिस पहुंचकर उनके बारे में पूछताछ करने से कांग्रेस भड़की हुई है. कांग्रेस ने इस मुद्दे पर गृह मंत्री और प्रधानमंत्री से व्यापक स्पष्टीकरण की मांग भी की है. कांग्रेस ने इसकी तुलना गुजरात के कथित फोन टैपिंग की घटना से की और कहा कि यह ऐसा मामला है जिसके खिलाफ सभी दलों को खड़ा होना पड़ेगा. उधर सरकार ने कहा है कि यह प्रमुख व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए प्रोफाइल तैयार करने की एक प्रक्रिया है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित पूर्व प्रधानमंत्रियों और राजनीतिक दलों के अध्यक्षों के बारे में भी इसी प्रकार की सुरक्षा प्रोफाइलिंग की गई है.

कांग्रेस का कहना है कि यह महज एक फार्म भरवाने का मामला नहीं है. यदि दिल्ली पुलिस को कोई जानकारी चाहिए तो वह हमें फार्म भेज सकती है हम उसे भर देगें. यदि पुलिस को हमसे बात करनी है तो वो समय ले कर आ सकती है. कांग्रेस का कहना है कि यह इस सरकार के बिग ब्रदर वाचिंग प्रोग्राम के तहत किया जा रहा है और इसमें विपक्ष के नेताओं के अलावा एनडीए के घटक दल के नेता भी हैं. दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि यह रूटीन विजिट थी और इस तरह की कोई पूछताछ नहीं की गई है. सूत्रों के मुताबिक जिन लोगों को विशेष सुरक्षा मिली होती है, उन्हें लेकर रूटीन पड़ताल की जाती है.

कांग्रेस का आरोप है कि किसी पर नजर रखने से संबंधित कुछ उपकरणों को 2009 में यूपीए सरकार ने भारत में लाने की इजाजत नहीं दी थी, अब कांग्रेस यह अंदेशा कर रही है कि ये उपकरण कुछ निजी लोगों या कंपनियों के पास पहुंच चुके हैं यानी बिग ब्रदर इज वाचिंग जैसी कोई चीज है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने ऐसा कोई फार्म नहीं भरा और न ही उनके निजी सहायकों से किसी दिल्ली पुलिस के अफसर या जवान ने ऐसी कोई जानकारी मांगी. तो क्या जो जानकारी दिल्ली पुलिस दे रही है कि सोनिया गांधी ने ये बताया वो बताया वो सब झूठी हैं. सिंघवी के मुताबिक 2 मार्च को एएसआई शमशेर सिंह राहुल गांधी के घर के बाहर टहलते पाए गए. जब एसपीजी ने उनसे पूछताछ की तब शमशेर सिंह ने फार्म की बात बताई.

कांग्रेस का कहना है कि शमशेर सिंह ने सीधे राहुल गांधी के रिसेप्शन पर जा कर बात क्यों नहीं की. फिर 12 मार्च को 2 बीट कांस्टेबल आए, पार्टी को इस पर एतराज नहीं है क्योंकि वो अक्सर आते रहते हैं. फिर 14 मार्च को दो अफसर स्तर के अधिकारी आते हैं और पूछताछ करने लगते हैं कि यहां कौन काम करता है, राहुल गांधी के सेक्रेटरी कौन हैं. फिलहाल कांग्रेस संसद के भीतर इस मुद्दे को लेकर आक्रामक बनी हुई है. 

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