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राम मंदिर विवाद: 14 मार्च को होगी अगली सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट का आदेश-2 हफ्ते में जमा करें 42 किताबों का अनुवाद

Ayodhya ram janambhumi-babri masjid dispute: चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कोर्ट में रखी गई कुल 42 किताबों का अनुवाद दो हफ्तों में जमा कराने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को होगी.

Ayodhya dispute
inkhbar News
  • Last Updated: February 8, 2018 14:54:52 IST

नई दिल्ली. रामजन्मभूमि मामले में अब सुप्रीम कोर्ट 14 मार्च को सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान साफ किया कि ये मामला केवल जमीनी विवाद का है, इसके अलावा कुछ नहीं. गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा कि इस मामले में अभी कई किताबों का अनुवाद होना बाकी है, जैसे रामचरित मानस. सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा कि रामचरित मानस जैसी 10 ऐसी किताबें हैं, जिनको हिन्दू पक्ष अपना आधार बना रहा है. ऐसे में इन किताबों के उन हिस्सों के अनुवाद जरूरी है क्योंकि ये हिंदी, संस्कृत और पाली भाषाओं में है. वहीं उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील तुषार मेहता ने कहा कि हमारे हिस्से के दस्तावेजों का अनुवाद कर उसे कोर्ट मे दाखिल कर दिया गया है.

इसी बीच फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल, तीस्ता सीतलवाड़ जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओ ने कहा कि उनका पक्ष भी सुना जाए. कोर्ट ने साफ मना करते हुए कहा कि अभी फिलहाल किसी भी अन्य पक्ष को नहीं सुना जाएगा, जो मुख्य मामले से जुड़े नहीं हैं. कोर्ट ने कहा कि भविष्य में अगर लगेगा तो उनका पक्ष सुनना चाहिए तो सुनेंगे.

वहीं हिंदू संगठनों की तरफ से मांग कि गई कि इस मामले की सुनवाई रोजाना की जाए, जिसका समर्थन मुस्लिम संगठनों ने भी किया. हालांकि कोर्ट ने कहा कि ये 14 मार्च को देखेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले से सम्बंधित जो कागजी करवाई अभी पूरी नही हुई है उसे दो हफ्ते में पूरा किया जाए. सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई 14 मार्च को करेगा.

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