नई दिल्ली. कुछ समय पहले पंजाब नेशनल बैंक में हुए 11500 करोड़ रुपये के घोटाले के बाद से 4 कारोबारी दिनों में बैंकों को लगभग 69,750 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. विश्लेषकों की माने तो आने वाले दिनों में भी यह गिरावट बरकरार रह सकती है. इस कारण बैंकों की चौथी तिमाही के नतीजों पर असर दिखेगा वहीं सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों के लिए ये समय मुश्किलों से भरा होगा. दूसरी ओर सरकारी बैंक पहले से 7.5 लाख करोड़ रुपये के फंसे कर्ज (एनपीए) को झेल रहे हैं. इसके लिए सरकार ने कड़े सुधारों की शर्तों के साथ उन्हें दो साल के भीतर 2 लाख 11 हजार करोड़ रुपये मुहैया कराने की घोषणा की है.
निरव मोदी द्वारा की गई ठगी के बाद से सरकारी बैंकों के शेयर एक साल पहले के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं. बता दें कि सरकार के पुर्नपूंजीकरण बांड जारी करने की घोषणा के बाद इन शेयर में काफी उछाल आया था.शनिवार को यूको बैंक ने एक बयान में कहा था कि पीएनबी को चूना लगाने वाले नीरव मोदी के एलओयू के जरिये उनके बैंक को कुल 2651 करोड़ रुपये का चूना लगा है. वहीं इससे इलाहाबाद बैंक को दो हजार करोड़ और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को 1360 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
ठगी के मामले के बाद से पीएनबी के शेयरों में 31 %, यूनियन बैंक के शेयरों में 10.49 %, इलाहाबाद बैंक के शेयरों में 10.77 %, सिंडिकेट बैंक के शेयरों में 8.96 %, यूको बैंक के शेयरों में 11.26 %, बैंक ऑफ बड़ौदा के शेयरों में 9.28 %, बैंक ऑफ बड़ौदा के शेयरों में 9.28 %, कारपोरेशन बैंक के शेयरों में 3.32 %, बैंक ऑफ महाराष्ट्र के शेयरों में 7.33 % और स्टेट बैंक के शेयरों में 5.57 % की गिरावट देखने को मिली है.
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