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दलित युवक बोला, हमें पैसे मत दो, हमसे 1 लाख ले लो और बस उनको पीटने दो

गुजरात में मरी हुई गाय की खाल उतार रहे जिन चार दलित युवकों को गोरक्षा ब्रिगेड के लड़कों ने पीटा उनमें से एक ने कहा है कि उसे सरकार से कोई मुआवजा-पैसा नहीं चाहिए बल्कि पिटाई करने वाले गुंडों को उसे पीटने की इजाजत देने के लिए वो एक लाख रुपया तक देने को तैयार है.

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  • Last Updated: July 20, 2016 16:23:19 IST
ऊना. गुजरात में मरी हुई गाय की खाल उतार रहे जिन चार दलित युवकों को गोरक्षा ब्रिगेड के लड़कों ने पीटा उनमें से एक ने कहा है कि उसे सरकार से कोई मुआवजा-पैसा नहीं चाहिए बल्कि पिटाई करने वाले गुंडों को उसे पीटने की इजाजत देने के लिए वो एक लाख रुपया तक देने को तैयार है.
 
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गौरक्षा दल के लोगों ने पिछले सप्ताह रमेश सर्वैया, बाबू हीरा, अशोक विजल और बेचर उगाभाई नाम के लड़कों को बुरी तरह पीटा था. इस पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रसासन हरकत में आई लेकिन तब तक राज्य भर में दलित भी सड़कों पर उतर आए. पुलिस ने पिटाई में शामिल कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है.
 
 
गुरुवार को इन दलित युवकों से मिलने के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ राज्य की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के भी ऊना आने का कार्यक्रम है. बुधवार को संसद में भी ये मसला छाया रहा और विपक्ष ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार के शासन में दलितों पर अत्याचार बढ़ रहा है.
 
इस गहमागहमी के बीच पिटे युवकों में से एक रमेश सर्वैया ने मीडिया से कहा कि सरकार की तरफ से उन लोगों को मुआवजा देने की बात चल रही है लेकिन उन्हें पैसे नहीं चाहिए. रमेश ने कहा कि कोई पिटाई करने वालों को उसे पीटने की इजाजत दे तो वो एक लाख रुपया तक देने के लिए तैयार है.
 
 
रमेश ने मीडिया से कहा कि एक घंटे तक गोरक्षा दल के गुंडे उसे और उसके साथियों को लोहे की रॉड और डंडे से जानवरों की तरह पीटते रहे. रमेश ने कहा कि उन सबने ये मान लिया था कि ये लोग आज उनकी जान ही ले लेंगे. पिटाई के बाद उन लोगों ने कार में बांधकर उन लोगों को खींचा भी लेकिन कोई बचाने नहीं आया.
 
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रमेश ने बताया कि उन लोगों ने गोरक्षा दल वालों से कहा कि वे बस मरी हुई गाय की खाल उतार रहे हैं जो उनका पुश्तैनी काम है लेकिन किसी ने कुछ नहीं सुना. रमेश ने आरोप लगाया कि पिटाई के दौरान वो और उसके दोस्त चिल्ला रहे थे लेकिन ना तो किसी आम आदमी ने उनकी मदद की और ना ही पास की पुलिस चौकी से कोई बचाने आया.

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