Sonali Bendre Cancer: क्या है हाई ग्रेड कैंसर जिससे जूझ रही हैं बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनाली बेंद्रे ?
Sonali Bendre Cancer: क्या है हाई ग्रेड कैंसर जिससे जूझ रही हैं बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनाली बेंद्रे ?
What is High Grade metastatic Cancer: सोनाली बेंद्रे हाई ग्रेड कैंसर से जूझ रही है. सोनाली ने ट्वीट कर अपने फैंस को इस बात की जानकारी दी और इस समय वो न्यूयॉर्क में इस बीमारी का इलाज करा रही हैं तो हाई ग्रेड कैंसर आखिर है क्या. आईए जानते हैं क्या ये जानलेवा बीमारी है.
बॉलीवुड डेस्क मुंबई. बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनाली बेंद्रे एक गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं. उन्हें हाई ग्रेड मेटास्टैटिक कैंसर हो गया है जिसके इलाज के लिए वो इन दिनों न्यूयॉर्क में हैं. सोनाली ने अपने ट्विटर अकाउंट से अपने फैंस को एक दुख भरी खबर सुनाई है. उन्होंने लिखा, ‘हाल ही में जांच के बाद मुझे ये पता चला है कि मुझे हाईग्रेड कैंसर है. इसकी उम्मीद मुझे कभी नहीं थी. लगातार होने वाले दर्द के बाद मैंने अपनी जांच करवाई जिसके बाद चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई.’इसके साथ ही उन्होंने लिखा, ‘इस घड़ी में मेरा परिवार और मेरे दोस्त मेरे साथ हैं और हर संभव तरीके से मेरा साथ दे रहे हैं. मैं उन सबकी शुक्रगुजार हूं और ख़ुद को सौभाग्यशाली महसूस कर रही हूं.’ सोनाली बेंद्रे जिस बीमारी से जूझ रही हैं क्या है वो हाई ग्रेड कैंसर.
हाईग्रेड कैंसर बेहद खतरनाक कैंसर होता है जोकि पूरे शरीर में फैल जाता है . कैंसर सेल्स सामान्य टिश्यू में लिम्फ प्रणाली या रक्त प्रवाह के जरिए भी घुस सकते हैं. इस प्रक्रिया को मेटेस्टिक कैंसर कहा जाता है. ये स्टेज 4 कैंसर होता है. जिसे भी गुर्दे का लास्ट स्टेज कैंसर होता है उसके पांच साल जीवीत रहने के मात्र 5 प्रतिशत ही चांस होते हैं.
मेटेस्टिक कैंसर को प्राइमरी कैंसर भी कहा जा सकता है. उदारण के तौर अगर पर ब्रेस्ट कैंसर गुर्दों में फैल गया है तो उसे मेटेस्टिक ब्रेस्ट कैंसर कहा जाएगा. इसका इलाज स्टेज 4 ब्रेट कैंसर के तौर पर होगा
जिन लोगों में मेटास्टेसिस कैंसर पाया जाता है डॉक्टर के लिए ये पता लगा पाना बेहद मुश्किक होता है कि ये कैंसर आखिर शुरू कहा से हुआ.
मेटास्टेसिस कैंसर में हमेशा लक्षण दिखाई नहीं देते. जब यह उभरते हैं तो इसकी प्रकृति और फ्रीक्वेंसी मेटास्टेसिस ट्यूमर के साइज और उसकी जगह पर निर्भर करती है.
डॉक्टर्स के मुताबिक अगर कैंसर हड्डी में हो तो दर्द और फ्रैक्चर हो सकता है. अगर दिमाग में चला जाए तो सिरदर्द की समस्या उभर आती है. अगर गुर्दे में हो तो सांस लेने में परेशानी होती है.
बढ़ते हुए कैंसर आस पास के टीशूज को भी प्रभावित करते हैं. जोकि शरीर के किसी भी हिस्से में फैल कर उसे प्रभावित कर सकते हैं.