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‘रिवर्स बैंक ऑफ इंडिया’ बन गया है RBI, नोटबंदी के बाद 126 बार नियम बदले: कांग्रेस

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने नो योर कस्टमर (केवाइसी) खाताधारकों को बड़ी राहत देते हुए कि रिजर्व बैंक ने 30 दिसबंर तक 5000 हजार से ज्यादा की रकम केवल एक बार ही जमा कराने के फैसले को वापस ले लिया है.

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  • Last Updated: December 21, 2016 09:47:51 IST
नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने नो योर कस्टमर (केवाइसी) खाताधारकों को बड़ी राहत देते हुए कि रिजर्व बैंक ने 30 दिसबंर तक 5000 हजार से ज्यादा की रकम केवल एक बार ही जमा कराने के फैसले को वापस ले लिया है. इस पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को ‘रिवर्स बैंक ऑफ इंडिया’ बताया है.
 
 
सुरजेवाला ने कहा है कि नोटबंदी के बाद से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को ‘रिवर्स बैंक ऑफ इंडिया’ बन गया है, पिछले 43 दिनों में उन्होंने 126 बार नियम बदले हैं. करीब 9 करोड़ कर्मचारियों की मेहनत की कमाई पर सरकार ने 8.8 फीसदी ब्याज दर को कम करके 8.65 फीसदी कर दिया गया है. इस फैसले से सीधे तौर पर यह साफ हो गया है कि मोदी सरकार कर्मचारी विरोधी है.
 
 
बता दें कि RBI ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा कि जिन खातों के साथ नो योर कस्टमर (KYC) उपलब्ध हैं, उनमें 5000 से ज्यादा की रकम जमा कराने पर कोई पाबंदी नहीं होगी, उनमें जितनी भी राशि, जितनी बार चाहे जमा कराई जा सकेगी और इस पर कोई पूछताछ नहीं होगी.
 
 
क्या है KYC खाता ?
केवाइसी वह बैंक खाते होते हैं जिनमें ग्राहक की पूरी जानकारी उपलब्ध हो. इसमें ग्राहक को अपना वैध पहचान पत्र और आवास प्रमाणपत्र के साथ-साथ पैन कार्ड भी उपलब्ध कराना होता है.

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