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Stree Review: जानिए ट्रेलर जैसी भी है कि नहीं राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर की ये स्त्री

Stree Review: राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर की फिल्म स्त्री आज बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हुई है. फिल्म एंटरटेनिंग है और आपको पसंद आएगी. राजकुमार और पंकज त्रिपाठी का अभिनय ने दर्शकों का दिल जीत रही है. कॉमेडी और सस्पेंस के साथ फिल्म दर्शकों को भूतिया अहसास देने में भी कामयाह हो रही है.

stree movie review by vishnu sir
inkhbar News
  • Last Updated: August 31, 2018 09:44:05 IST

बॉलीवुड डेस्क, मुंबई. अगर आपने अक्षय कुमार की ‘भूलभुलैया’ और अजय देवगन की ‘गोलमाल’ सीरीज की आखिरी मूवी देखी होगी तो समझिए ‘स्त्री’ उसी तरह की हॉरर कॉमेडी है। फिल्म का ट्रेलर पहले से ही धमाल मचा रहा है और उसके गाने भी। ऐसे में डायरेक्टर के सामने ये बड़ी मुश्किल थी कि ट्रेलर और गानों को जो रेस्पोंस मिला है, दर्शकों की उम्मीद बढ़ गई है, ऐसे में फिल्म पटरी से नहीं उतरनी चाहिए। अगर आपने ज्यादा दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया तो फिल्म वाकई एंटरटेनिंग है, आपको पसंद आएगी।

फिल्म की कहानी एमपी के चंदेरी कस्बे के बैकग्राउंड में है। जहां एक महिला भूत का साया है, जो खास पूजा के चार दिनों में ही आती है और गांव के जिस किसी भी पुरुष को अकेले देखती है, उसे उठा ले जाती है बिना कपड़ों के। ऐसे में गांव वाले एक खास किस्म की तांत्रिक स्याही से अपने घरों पर लिखवा लेते हैं- ओ स्त्री तू कल आना। ये काफी फनी भी है कि स्त्री उसे पढ़कर वापस लौट जाती है और जिस घर पर लिखा नहीं होता या मिट जाता है, उस घर के मर्द को उठा ले जाती है। नतीजा ये होता है कि मर्द साड़ियां पहनकर रहना शुरू कर देते हैं। राजकुमार राव एक ऐसे लेडीज टेलर विकी के रोल में हैं, जो बिना हाथ लगाए अंदाजे से किसी भी औरत के कपड़ों का नाप ले लेते हैं। जबकि पंकज त्रिपाठी एक ऐसे शोधकर्ता के रोल में हैं, जिसको स्त्री के बारे में काफी कुछ पता है।

जबकि अपारशक्ति खुराना विकी के दोस्त के रोल में हैं और श्रद्धा कपूर एक ऐसी रहस्मयी लड़की के तौर पर है, जो केवल पूजा के दिनों में ही आती है और विकी से दोस्ती कर लेती है। विकी उसके प्यार में पड़ जाता है, लेकिन दोस्तों को लगता है कि श्रद्धा ही स्त्री यानी भूत है। तो सच क्या है, ये आपको फिल्म में ही पता चलेगा। यहां लिखने से मजा किरकिरा हो जाएगा। ऐसे में एक्टिंग के मामले में सब एक दूसरे पर भारी पड़े हैं, राजकुमार राव हों या पंकज त्रिपाठी।

70 से 80 फीसदी फिल्म रात में फिल्माई गई है, किले जैसी दीवारों से घिरे चंदेरी की लोकेशन फिल्म की कहानी के लिए काफी सही है। सचिन जिगर का म्यूजिक है, चार गाने पहले से हिट हो चुके हैं जिनमें से दो आइटम सोंग हैं, नोरा फतेही पर फिल्माया ‘कमरिया’ और कीर्ति सनन पर फिल्माया- आओ कभी हवेली पे, जो फिल्म में नहीं है। मूवी की खासियत है उसका करेक्टराइजेशन, डायलॉग्स और सिचुएशनल कॉमेडी। तो पहली फिल्म के तौर पर डायरेक्टर अमन कौशिश खरे उतरे हैं, लोगों को डरा डरा कर हंसाने के मामले में।

लेकिन जैसे ही आप लॉजिक इस्तेमाल करना शुरू करते हैं, फिल्म ढेर हो सकती है। जैसे उस भूतनी से निपटने के तरीके बार बार क्यों बदल रहे थे, कोई कह रहा था सुहाग रात मनाना चाहती है, तो कोई कहता है ये खंजर दिल में उतार दो या चोटी काट लो, या तवायफ का लड़का ही निपट सकता है। विकी के दोस्त जना के अंदर अगर स्त्री नहीं आती तो फिर कौन स्त्री का ‘हैल्पिंग हैंड’ होता है? अगर स्त्री को ये समझ आ गया था कि ओ स्त्री तू कल आना का ‘कल’ मिटाना है तो पहले क्यों नहीं किया? उसको जना से क्य़ों करवाया? वो पुरुषों को जब मारती नहीं थी तो करती क्या थी? उन पुरूषों के मिल जाने पर भी किसी ने ना जानने की कोशिश की और ना डायरेक्टर ने बताने की? कई दिन साथ रहने के बावजूद किसी ने श्रद्धा कपूर का नाम, पता, शहर या चंदेरी में कहां रुकी है, जानने की कोशिश क्यों नहीं की और आखिरी सीन में ही पूछने की याद क्यों आई?

सो ऐसे तमाम सवाल हैं, उसी तरह जैसे कि भूत होते हैं या नहीं। बावजूद इतने लूपहोल्स के फिल्म में आपको मजा आता है क्योंकि एक के बाद एक सीन में सिचुएशंस के साथ फनी डायलॉग्स के कॉम्बो ने लोगों को ये सोचने ही नहीं दिया। सारे कलाकार पहले से ही फनी डोमेन में बेहतरीन माने जाते हैं। सो ऐसे में जिनको भूत से डर लगता है और जिनको नहीं लगता, दोनों को ही ‘स्त्री’ देखकर मजा तो आएगा।

स्टार— 3.5

Stree Review: राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर की स्त्री में डर के साथ मिलेगा कॉ़मेडी और सस्पेंस का डबल डोज

Stree Movie Review: हॉरर कॉमेडी से भरपूर राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर की स्त्री जीत लेगी दर्शकों का दिल

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