Inkhabar
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • सुप्रीम कोर्ट ने जलीकट्टू पर शनिवार से पहले फैसला देने से किया इंकार, ठुकराई अर्जी

सुप्रीम कोर्ट ने जलीकट्टू पर शनिवार से पहले फैसला देने से किया इंकार, ठुकराई अर्जी

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार से पहले जलीकट्टू पर फैसला देने वाली अर्जी को ठुकराया दिया है. कोर्ट ने कहा कि बेंच को आदेश पास करने को कहना अनुचित है. जलीकट्टू मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के नोटिफिकेशन पर अपना फैसला सुरक्षित रख रखा है.   ये भी पढ़ें- कमल हासन के […]

Supreme Court, Rejects Petition on Jallikattu, Jallikattu, Modi Government, New Delhi
inkhbar News
  • Last Updated: January 12, 2017 06:29:52 IST
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार से पहले जलीकट्टू पर फैसला देने वाली अर्जी को ठुकराया दिया है. कोर्ट ने कहा कि बेंच को आदेश पास करने को कहना अनुचित है. जलीकट्टू मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के नोटिफिकेशन पर अपना फैसला सुरक्षित रख रखा है.
 
 
गुरुवार को कोर्ट से मांग की गई की जलीकट्टू को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश सुरक्षित कर रखा है उसपर शनिवार से पहले सुप्रीम कोर्ट आदेश सुना दे. कोर्ट ने कहा फैसले का ड्रॉफ्ट तैयार हो गया है लेकिन ये संभव नहीं कि शनिवार से पहले आदेश सुना दिया जाये.
 
 
दरअसल  22 जनवरी 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने जल्लीकट्टू पर लगाई गई रोक पर पुनर्विचार करने से मना कर दिया था. तमिलनाडु के कुछ निवासियों की तरफ से दायर पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में जल्लीकट्टू पर रोक लगाई थी.
 
केंद्र सरकार ने 8 जनवरी को अधिसूचना जारी कर जल्लीकट्टू पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया था. अधिसूचना में कुछ प्रतिबंध भी लगाए गए थे. एनिमलवेलफेयर बोर्ड, पीपुल फार एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स, बंगलुरु के एक एनजीओ और अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में अधिसूचना को चुनौती दी थी. याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अधिसूचना पर रोक लगा दिया था.
 
 
जल्लीकट्टू यानी सांड़ों की दौड़ पर रोक के खिलाफ तमिलनाडू सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. तमिलनाडु सरकार ने याचिका में परंपरा का हवाला दिया. इस पर जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा था कि इस दलील में दम नहीं. 1899 में 10 हज़ार से ज़्यादा बाल विवाह हुए. 12 साल से कम उम्र की लड़कियों की शादी हुई. क्या इसे परंपरा मान कर जारी रहने दिया जा सकता है? हमें सिर्फ ये देखना है कि ये खेल कानून और संविधान की कसौटी पर खरा उतरता है या नहीं.

Tags