Inkhabar
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बोले सुब्रमण्यन स्वामी- राम मंदिर निर्माण का बड़ा रोड़ा दूर, अब जन्मभूमि पर मिले पूजा का अधिकार

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बोले सुब्रमण्यन स्वामी- राम मंदिर निर्माण का बड़ा रोड़ा दूर, अब जन्मभूमि पर मिले पूजा का अधिकार

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि से जुड़े एक केस पर फैसला सुनाया. कोर्ट ने साल 1994 में दिए आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है. 3 जजों की बेंच ने इस मामले को संविधान पीठ को भेजने की याचिका खारिज कर दी. इसके बाद बीजेपी सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने कहा कि इस फैसले से विवादित भूमि पर टाइटल सूट मामले का रास्ता साफ हो गया है.

Ram, Ram Janmabhoomi, Babri Masjid, Ayodhya, India, Hindu Temple, bharatiya janata party, bjp, Subramanian Swamy, supreme court verdict on ayodhya issue, CJI dipak mishra, india news
inkhbar News
  • Last Updated: September 27, 2018 16:08:59 IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अयोध्या विवाद से जुड़े एक मामले में कहा कि मस्जिद में नमाज इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है. कोर्ट ने इस्माइल फारूकी मामले में साल 1994 में दिए गए फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें कहा गया है कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है.

इस मामले पर बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के रास्ते का बड़ा रोड़ा दूर कर दिया है. मीडिया से बातचीत में स्वामी ने कहा, ”इस फैसले से मामले की सुनवाई में तेजी आएगी. मैं चाहता हूं कि दिवाली से पहले अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण पूरा हो जाए”.

स्वामी ने आगे कहा, ”यह आदेश जीत नहीं है, लेकिन इसने मेरा आगे बढ़ने का रास्ता खोल दिया है, ताकि मैं यह साबित कर सकूं कि मेरा प्रार्थना करने का मौलिक अधिकार सुन्नी वक्फ बोर्ड के विवादित भूमि पर दावे से ज्यादा बड़ा है.” स्वामी ने कहा कि अयोध्या में राम जन्मभूमि में पूजा के अधिकार की अर्जी को लेकर वे शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. साथ ही मामले कोर्ट से मामले की जल्द सुनवाई की दरख्वास्त भी करेंगे.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले को बड़ी संवैधानिक पीठ के पास भेजे जाने की याचिका खारिज कर दी है और निर्णय लिया कि नई गठित तीन सदस्यीय पीठ 29 अक्टूबर से मामले की सुनवाई करेगी. जस्टिस अशोक भूषण ने खुद  चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की ओर से फैसले को पढ़ते हुए कहा, “मामले को संवैधानिक पीठ के पास भेजे जाने का कोई मामला नहीं बनता.” हालांकि जस्टिस अब्दुल नजीर ने हालांकि मामले को बड़ी संवैधानिक पीठ के पास भेजे जाने की पैरवी की.

अयोध्या रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद जानिए कब और कहां शुरू हुआ पूरा मामला, ये है पूरा इतिहास

Ayodhya Case: फैसला आने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स बोले- अयोध्या में अब मनेगी धूमधाम से दिवाली

Tags