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विवेक तिवारी फेक एनकाउंटर: चश्मदीद सना के बयान को FIR में कमजोर करके हत्यारे सिपाही को बचाने में जुटी यूपी पुलिस

लखनऊ के विवेक तिवारी एनकाउंटर केस में आरोपी पुलिसकर्मियों को बचाने का खेल एफआईआर से ही शुरू हो चुका है. एफआईआर में इकलौती चश्मदीद सना के हवाले से कहा गया है कि उसे ऐसा लगा कि गोली चली है. जबकि सना ने मीडिया के सामने कहा है कि करीब दो मीटर दूर से गोली मारी गई जो उनके मुंह के नीचे लगी. इस मामले पर सीएम योगी आदित्यनाथ और डीजीपी ओपी सिंह का बयान आ गया है.

Vivek Tiwari Fake Encounter
inkhbar News
  • Last Updated: September 29, 2018 17:07:23 IST

लखनऊ: यूपी पुलिस की गोली का शिकार बने एप्पल के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी के शव का पोस्टमार्टम हो चुका है. विवेक तिवारी के पोस्टमॉर्टम में साफ कहा गया है कि मृतक को काफी पास से गोली मारी गई है. इस मामले की इकलौती चश्मदीद गवाह सना ने एफआईआर दर्ज करा दी है. इस मामले पर सीएम योगी आदित्यनाथ और यूपी पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह का बयान भी आ चुका है. सभी ने विवेक तिवारी के परिजनों को इंसाफ दिलाने की बात कही है. लेकिन, इस मामले में आरोपी पुलिसकर्मियों को बचाने का खेल एफआईआर से ही शुरू हो चुका है. सना के हवाले से जो एफआईआर दर्ज की गई है उसमें और उनके मीडिया को दिए गए बयान में काफी विरोधाभास नजर आ रहा है.

लखनऊ के गोमतीनगर थाने में अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर में सना के हवाले से कहा गया है कि मैं अपने सहकर्मी विवेक तिवारी के साथ घर जा रही थी. सीएमएस गोमती नगर विस्तार के पास हमारी गाड़ी खड़ी हुई थी तब तक सामने से दो पुलिस वाले आये, हमने उनसे बचकर निकलने की कोशिश की तो उन्होंने हमें रोकने की कोशिश की. इसके बाद अचानक से मुझे ऐसा लगा जैसे कि गोली चली, हमने वहां से गाड़ी आगे बढ़ाई आगे हमारी गाड़ी अंडर पास दीवार से टकराई औऱ विवेक सर से काफी खून बहने लगा. मैंने सबसे मदद लेने की कोशिश की, थोड़ी देर में पुलिस आई जिसने हमें हॉस्पीटल पहुंचाया. अभी सूचना मिली है कि विवेक सर की मृत्यु हो चुकी है.

इस एफआईआर में कहीं भी यह नहीं लिखा गया है कि सना ने विवेक तिवारी पर पुलिस द्वारा गोली चलाने की बात कही हो. जबकि मीडिया के सामने सना ने साफ बताया कि एक पुलिसकर्मी हमारी कार में डंडा करने की कोशिश कर रहा था और दूसरा करीब दो मीटर दूर था. दूसरे वाले पुलिस वाले ने गोली चलाई जो कि विवेक की ठुड्डी पर लगी. सना ने यह भी कहा कि पुलिस वालों की बाइक से उनकी कार टकरा गई थी जिसके बाद पुलिस वालों ने उन्हें रोका था. एफआईआर में गोली चलाने की बात तो कही गई है लेकिन यह नहीं बताया कि पुलिस वाले ने गोली चलाई थी.

यह मामला कोर्ट में जाने के बाद कोई मीडिया बयान नहीं चलेगा. सिर्फ एफआईआर की बात चलेगी. कोर्ट के लिए एफआईआर सबसे महत्वपूर्ण होता है. इसके बाद चश्मदीद का बयान और अंत में पुलिस की चार्जशीट के आधार पर निर्णय तय होता है. इस मामले पर डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. कॉन्सटेबल का कहना है कि उसने सेल्फ डिफेंस में गोली चलाई लेकिन सेल्फ डिफेंस के नाम पर आप किसी की हत्या नहीं कर सकते. जब तक आपकी जान को खतरा ना हो आप गोली नहीं चला सकते. यह पूरी तरह क्राइम का मामला है. हम आरोपी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर हत्या का मामला दर्ज करने जा रहे हैं.

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