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यूपी विधानसभा चुनाव में गायत्री प्रसाद प्रजापति भी बन गए इस बार मुद्दा

अमेठी. अमेठी विधानसभा सीट से सपा के प्रत्याशी और अखिलेश सरकार मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति भी अब एक मुद्दा बन गए हैं. अवैध खनन के आरोपों में घिरे प्रजापति मुलायम सिंह यादव परिवार में मचे घमासान की एक वजह भी बन गए थे.

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  • Last Updated: February 21, 2017 07:04:59 IST
अमेठी. अमेठी विधानसभा सीट से सपा के प्रत्याशी और अखिलेश सरकार मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति भी अब एक मुद्दा बन गए हैं.
रेप और अवैध खनन के आरोपों में घिरे प्रजापति मुलायम सिंह यादव परिवार में मचे घमासान के भी एक वजह बने थे.
विधानसभा चुनाव में उनके लिए एक साथ दो बड़ी बातें हो गईं एक तो सुप्रीम कोर्ट ने यौन शोषण के एक मामले में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दे दिए.
दूसरा सीएम अखिलेश यादव जब अमेठी में प्रचार करने आए तो प्रजापति को मंच में जगह नहीं दी गई.
गौरतलब है कि जब अखिलेश ने अवैध खनन के आरोपों में घिरे प्रजापति को कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाया था तो यादव परिवार में झगड़ा चरम पर पहुंच गया था.
मुलायम और शिवपाल के दबाव के चलते प्रजापति दोबारा मंत्री बनाए गए थे. ये बात जगजाहिर है कि अखिलेश यादव गायत्री प्रसाद प्रजापति को बिलकुल नहीं पसंद नहीं करते हैं.
इतना ही नहीं पार्टी की मीटिंग में अखिलेश सबके सामने यहां तक बोल चुके हैं कि गायत्री प्रजापति उनके बात नहीं सुनते हैं.
अमेठी की रैली में सीएम अखिलेश के आने से पहले प्रजापति वहां मौजूद जनता के सामने रो पड़े और कहा कि उनसे बीजेपी बदला ले रही है.
उन्होंने कहा कि वह पाक साफ हैं और सीएम उनके ऊपर भरोसा करते हैं. यही उनके लिए बड़ी बात है.

आपको बता दें कि गायत्री प्रसाद प्रजापति ने सुप्रीम कोर्ट से भी गुहार लगाई है कि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश को रोका जाए.
क्या गायत्री प्रसाद प्रजापति से जुड़े बड़े विवाद
1- एक महिला ने आरोप लगाया है कि गायत्री प्रसाद प्रजापति ने अपने साथियों के साथ मिलकर गैंगरेप किया है. इतना ही नहीं उस महिला ने कहा है कि उसकी बेटी के साथ भी रेप करने की कोशिश की है.
महिला ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई और जिस पर कोर्ट ने यूपी पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया और 8 हफ्ते में रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
2- गायत्री प्रसाद प्रजापति अखिलेश सरकार में खनन मंत्री रह चुके हैं. उनके खिलाफ राज्य में अवैध खनन करवाने का आरोप है.
जब इस मामले में जांच शुरू हुई तो अखिलेश ने अपनी छवि बचाने के लिए उनको कैबिनेट से हटा दिया था.
3- बताया जाता है कि वह हमेशा शिवपाल यादव  के करीबी रहे हैं और सरकार में वह सीएम की बात कम ही सुनते थे. इस बात को सीएम अखिलेश ने सार्वजनिक मंच से कहा है.
फर्श से अर्श तक
2002 में प्रजापति का नाम बीपीएल कार्ड धारकों की सूची में था. अब बताया जाता है कि वह 13 कंपनियों के निदेशक हैं. चुनावी हलफनामा में उनकी संपत्ति 10 करोड़ है. पिछली बार उन्होंने 1.83 करोड़ रुपए की संपत्ति की घोषणा की थी.
पीएम मोदी ने बना दिया मुद्दा
पीएम मोदी ने गायत्री प्रसाद प्रजापति पर लगे रेप के आरोपों पर निशाना साधते हुए कहा ‘अखिलेश जी, आपने अपना प्रचार गायत्री प्रसाद प्रजापति के साथ शुरू किया था. यूपी की जनता जानना चाहती है कि आपका कांग्रेस के साथ गठबंधन गायत्री प्रसाद की तरह पवित्र है’.
पीएम ने कहा ‘ रेपिस्ट के हाथ खोल दिए गए महिलाएं न्याय के लिए कोर्ट से गुहार कर रही हैं. आपने क्या किया है अखिलेश जी? आपके मंत्री का नाम रेप केस में है. यह काम नहीं कारनामा है.
अमेठी का क्या है चुनावी गणित
गायत्री प्रसाद प्रजापति पिछड़े समुदाय से आते हैं. उन्होंने पिछले चुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी औऱ अमेठी के राजा संजय सिंह की पत्नी अमिता सिंह को 10 हजार वोटों से हराया था.
बीजेपी को पिछली बार यहां पर 10 हजार से भी कम वोट पाई थी.  इस बार बीजेपी ने संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह को प्रत्याशी बनाया है. यहां पर वोट पांचवे चरण में जाएंगे.
 
 
 

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