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Onion Price: नासिक के किसान संजय साठे को 750 किलो प्याज के मिले 1,064 रुपये, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजी कमाई

Onion Price: नासिक के नाराज किसान संजय साठे ने अपनी प्याज की कमाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजी है. संजय को 750 किलो प्याज के 1064 रुपये मिले. इसके बाद उन्होंने सरकार का विरोध करते हुए अपनी कमाई को मनी ऑर्डर के जरिए प्रधानमंत्री राहत कोष में भेज दी. इन दिनों देश भर के किसान फसलों की सही कीमत न मिलने पर सरकार से काफी खफा हैं.

Onion-Price Sent to CM devendra Fadnavis
inkhbar News
  • Last Updated: December 3, 2018 10:18:32 IST

मुंबई. देश में किसानों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है. हाल ही में दिल्ली में 29 और 30 नवंबर को किसानों ने फसले से वाजिब दाम और कर्ज माफ को लेकर दो दिनों तक सरकार का विरोध प्रदर्शन किया. फसल का सही दाम न मिलने से देश भर के किसान गुस्से में हैं. ताजा मामला महाराष्ट्र के नासिक का है. जहां एक किसान ने सरकार का विरोध जताने लिए एक अनूठा तरीका अपनाया. नासिक के इस किसान ने प्याज की फसल बेचकर हुई कमाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास भेजा है.

नासिक के निफाड तहसील में रहने वाले किसान संजय साठे ने इस साल 750 किलो प्याज उपजाई. जब वह अपनी उपज को लेकर निफाड की थोक मंडी में गए तो उनकी प्याज को 1 रुपये प्रति किलोग्राम खरीदने का भाव तय किया गया. काफी मोलभाव करने के बाद संजय साठे को 1.44 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्याज बेचने पड़ी. इसके लिए उन्हें 1,064 रुपये मिले. जिसके बाद नाराज किसान ने फसल से हुई कमाई को प्रधानमंत्री राहत कोष में भेज दिया.

प्याज की कीमत सही न मिलने पर संजय साठे ने कहा चार महीने परिश्रम करने के बाद प्याज की कमाई से काफी दुखी हूं, इसलिए मैंने 29 नवंबर को फसल की कमाई से मिले 1,064 रुपये प्रधानमंत्री राहत आपदा कोष में दान कर दिए हैं, संजय साठे ने आगे कहा कि पीएमओ तक ये राशि पहुंचाने में मुझे मनी ऑर्डर के लिए 54 रुपये अलग से खर्ज करने पड़े. बता दें कि नासिक में देश की 50 फीसदी प्याज उगाई जाती है.

आपको बता दें कि संजय साठे का शुमार चुनिंदा और प्रगतिशील किसानों में किया जाता है. साल 2010 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओमाबा की भारत यात्रा के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने संजय साठे को संवाद के लिए चुना था. संजय साठे ने कहा कि मैं किसी भी राजनीतिक दल का प्रतिनिधित्व नहीं करता हूं लेकिन मैं सरकार की उदासीनता के चलते नाराज हूं.

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