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जाधव को फांसी की सजा, अंतरराष्ट्रीय मानकों के खिलाफ – एमनेस्टी

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव को जासूस बताकर फांसी की सजा के मामले में कड़ी प्रतिक्रिया दी है. एमनेस्टी ने कहा कि पाकिस्तान की सैन्य अदालत का फैसला अंतरराष्ट्रीय मानकों के खिलाफ है. एमनेस्टी इंटरनेशनल के दक्षिण एशिया निदेशक बिराज पटनायक ने कहा कि जाधव को मौत की सजा देना अंतरराष्ट्रीय मानकों की धज्जियां उड़ाने के समान है.

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  • Last Updated: April 11, 2017 04:00:04 IST
नई दिल्ली : एमनेस्टी इंटरनेशनल ने पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव को जासूस बताकर फांसी की सजा के मामले में कड़ी प्रतिक्रिया दी है. एमनेस्टी ने कहा कि पाकिस्तान की सैन्य अदालत का फैसला अंतरराष्ट्रीय मानकों के खिलाफ है. एमनेस्टी इंटरनेशनल के दक्षिण एशिया निदेशक बिराज पटनायक ने कहा कि जाधव को मौत की सजा देना अंतरराष्ट्रीय मानकों की धज्जियां उड़ाने के समान है.
 
उन्होंने बयान जारी कर कहा कि बचावकर्ताओं को उनके अधिकारों से वंचित करना और कुख्यात गोपनीय तरीके से काम कर सैन्य अदालतें न्याय नहीं करतीं, बल्कि उसका मजाक उड़ाती हैं. उनकी काफी गलत व्यवस्था है जिन्हें केवल सैन्य अनुशासन के मुद्दों से निपटना चाहिए न कि अन्य अपराधों से. उन्होंने कहा कि एमनेस्टी हमेशा किसी भी स्थिति में मौत की सजा का विरोध करती है. 
 
वहीं विदेश सचिव एस जयशंकर ने भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब कर बेहद कड़े शब्दों का डिमार्शे दिया. जाधव मामले पर पाकिस्तानी सेना की मीडिया इकाई इंटर सर्विसेस पब्लिक रिलेशन्स (आईएसपीआर) की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने कहा कि पिछले साल ईरान से उनका अपहरण किया गया था और पाकिस्तान में उनकी मौजूदगी के बारे में कभी कोई विश्वसनीय विवरण नहीं दिया गया.
 
बता दें कि कुलभूषण यादव भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी है. जिन्हें जासूसी के आरोप में मार्च 2016 में पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया था. कुलभूषण को पाकिस्तान ने इस्लामाबाद के खिलाफ युद्ध छेड़ने और जासूसी के आरोप में मौत की सज़ा सुनाई है.

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