नई दिल्ली. अलका लांबा ने शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा में राजीव गांधी के भारत रत्न को वापस लेने की मांग के प्रस्ताव को ठुकरा दिया. इसके बाद अलका लांबा ने कहा कि पार्टी ने उनसे इस्तीफा मांगा. इसपर आम आदमी पार्टी ने एक प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि उन्होंने अलका लांबा के इस्तीफे की मांग नहीं की है. उन्होंने कहा कि पार्टी केवल 1984 सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों के लिए इंसाफ चाहती है.
इस बारे में आम आदमी पार्टी नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कांफ्रेस की. उन्होंने राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने की मांग के प्रस्ताव पर कहा, ‘जो प्रस्ताव सदन में पेश किया गया था उसमें राजीव गांधी वाली बात नहीं थी. यह प्रस्ताव पढ़ते समय जरनैल सिंह ने राजीव गांधी के नाम वाला प्रस्ताव अपनी तरफ से रखा था. मनीष सिसोदिया ने पार्टी से विधायक अलका लांबा के इस्तीफे की बात पर कहा, ‘अलका लांबा से इस्तीफा नहीं मांगा गया था. हम ऐसा करने में विश्वास नहीं करते कि राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लिया जाए. साथ ही किसी तरह का कोई इस्तीफा भी नहीं हुआ है.’
— AAP (@AamAadmiParty) December 22, 2018
वहीं इस मामले पर सदन में प्रस्ताव पड़ने वाले विधायक जरनैल सिंह ने अपनी सफाई में कहा, ‘राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लिए जाने का कोई भी प्रस्ताव वास्तविक प्रस्ताव में शामिल नहीं था. प्रस्ताव पढ़ते हुए जो मैंने कहा वह मेरी सोच थी. इसे नोटिस में लिया ही नहीं गया था.’ मनीष सिसोदिया ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन पर भी बात करते हुए कहा, ‘कांग्रेस के साथ गठबंधन का कोई सवाल ही नहीं है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों के हाथ खून से सने हैं.’