नई दिल्ली. तीन तलाक का मुद्दा संसद में गूंज रहा है. तीन तलाक को अपराधिक करार देने के लिए लाया गया बिल लोकसभा में तो पास हो गया है लेकिन राज्य सभा में इसके पास होने पर तलवार लटक गई है. एनडीए और भाजपा द्वारा पेश किए इस बिल के खिलाफ उनके ही समर्थन वाली पार्टियां उतर रही हैं. अब नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) भी इस मुद्दे पर केंद्र की बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के साथ नहीं है. जदयू ने इस बारे में साफतौर पर कह दिया है कि यदि राज्यसभा में तीन तलाक के मुद्दे पर वोटिंग हुई तो जदयू पार्टी इसके समर्थन में वोट नहीं करेगी.
जदयू द्वारा तीन तलाक बिल का विरोध किए जाने पर बीजेपी सांसद सीपी ठाकुर ने कहा कि तीन तलाक बिल पर वोट बैंक की राजनीति हो रही है. उनका कहना है कि कुछ राजनीतिक पार्टियों को लगता है कि अगर वह तीन तलाक बिल का समर्थन करेंगे तो उन्हें एक विशेष समुदाय का वोट नहीं मिलेगा. वहीं विपक्ष की कांग्रेस ने भी इस विरोध पर भाजपा की चुटकी ली है. कांग्रेस वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया ने इस विरोध पर कहा कि जदयू ने भी जता दिया है कि एनडीए में सभी लोग भाजपा के साथ नहीं हैं. बता दें कि पहले ही अपना दल और राजभर भाजपा के खिलाफ बोल चुके हैं.
बता दें कि जेदयू बिहार अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने तीन तलाक बिल पर कहा कि अभी हम तीन तलाक बिल के पक्ष में नहीं हैं. इस बिल के पक्ष में न आने का कारण है कि एक बड़े समुदाय की परंपरा में कुछ तौर तरीके हैं. इस तीन तलाक बिल से लाखों महिलाओं पर असर होगा. इसलिए पहले उस समुदाय के लोगों से उनकी भावनाओं के साथ बातचीत करके इसका कोई समाधान निकालना चाहिए. इसलिए वर्तमान में हम इस तीन तलाक बिल के पक्ष में नहीं हैं. संसद में वोटिंग के समय हम समर्थन में वोट नहीं करेंगे.