नई दिल्ली. मकर संक्रांति का पारंपरिक त्योहार हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है. सूर्य के प्रतीक मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर लोग सुबह नहा धोकर पूर्व दिशा की ओर सूर्य को अर्घ्य देते हुए नमस्कार करते है. हर साल 14 जनवरी को मनाया जाने वाला यह त्योहार इस साल 15 जनवरी को मनाया जा रहा है. माना जा रहा है कि 14 जनवरी को सूरज शाम के समय 7 बजकर 52 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करने वाला है जिसका पुणयकाल 15 जनवरी तक जारी रहेगा.
हालांकि, कई राज्यों में इसे 14 जनवरी को ही मकर संक्रांति का पावन त्योहार मनाया जाएगा. 13 जनवरी लोहड़ी के अगले दिन पड़ रहे मकर संक्रांति का त्योहार पंजाब, बंगाल, असम, महाराष्ट्र, केरल, उत्तरप्रदेश समते अलग राज्यों में अलग अलग नामों से मनाया जाता है. उत्तरप्रदेश में मकर संक्रांति का त्योहार खिचड़ी के नाम से जाता जाता है. इस दिन स्नान के बाद लोग खिचड़ी बनाकर एक दूसरे को खिलाते हैं. इस दिन दान का विशेष महत्तव है. लोग तिल के लड्डू और बताशों के साथ इस त्योहार को आनंद उठाते है.
गुजरात राज्य में मकर संक्रांति का त्योहार उत्तारायण के रुप में जाना जाता है. इस दिन पतंग उड़ाने की भी परंपरा है. महाराष्ट्र राज्य और गुजरात में रंग बिरंगी पंतगें उड़ाकर इस पर्व का आनंद लिया जाता है. तमिलनाडु में इस पर्व को पोंगल के नाम से जाना जाता है. हिंदू धर्म में मकर संक्रांति के त्योहार की मान्यता है. इन दिन स्नान, पूजा पाठ, दान दक्षिणा और श्राद्ध करना अहम माना जाता है.
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