पटना. एक बड़ी गलती के चलते राम विलास पासवान के मंत्री ऐसी बात कह गए जिसकी जानकारी केवल चुनाव आयोग के पास ही होती है. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया की लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कब होगा. इस बयान पर विवाद शुरू होने की संभावना है. भाजपा सहयोगी पार्टी लोजपा के बिहार प्रमुख पशुपति कुमार पारस ने एनडीए की एक रैली के बारे में जानकारी देने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने ये बयान दिया. उन्होंने कहा, ‘3 मार्च को एनडीए के भागीदारों की एक विशाल रैली आयोजित की जाएगी जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे. हम तीन मार्च को इस रैली का आयोजन कर रहे हैं क्योंकि चुनावों की तारीखों का ऐलान 6 से 10 मार्च के बीच किया जाएगा.’ इसी बयान के बाद उनसे पत्रकारों ने पूछा की उन्हें इस बारे में जानकारी कैसे है क्योंकि ये जानकारी केवल चुनाव आयोग के पास होती है. इसपर मंत्री ने कहा, ‘मेरे पास कोई विशेष जानकारी नहीं है. मैं मीडिया रिपोर्टों के आधार पर यह कह रहा हूं.’
- पशुपति कुमार पारस ने अपने बयान के बचाव में कहा कि 2014 में चुनाव मार्च में अधिसूचित किए गए थे और इसलिए इस बार भी उन्हें उसी तारीखों के आसपास अधिसूचित किया जाना चाहिए. उन्होंने ने कहा, ‘मेरे पास कोई विशेष जानकारी नहीं है. मैं मीडिया रिपोर्टों के आधार पर यह कह रहा हूं.’
- बता दें कि चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होने के बाद आदर्श आचार संहिता का पालन होता है और इसलिए उससे पहले ही चुनाव कार्यक्रम की पूरी जानकारी मिलने से सत्ता पक्ष के लिए फायदेमंद हो सकता है. बता दें कि सत्ताधारी एनडीए सरकार पहले भी चुनाव कार्यक्रम के ऐलान पर निशाने पर आ चुकी है.
- दरअसल दिसंबर में पांच राज्यों के चुनावों की तारीखों की घोषणा की जानी थी तो पोल पैनल ने शुरुआत में दोपहर के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस निर्धारित की थी लेकिन इसे तीन घंटे के लिए टाल दिया गया था. उस समय कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राजस्थान के अजमेर में अपना चुनाव अभियान समाप्त करने से पहले आचार संहिता लगाने से बचा जा रहा है. उस समय नरेंद्र मोदी दोपहर 1 बजे रैली को संबोधित करने वाले थे.
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