इंफाल. देश की जानी-मानी महिला मुक्केबाज मैरी कॉम आज अपनी बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं. ये उनका 36वां जन्मदिन है. मैरी कॉम दुनिया की ऐसी पहली महिला मुक्केबाज हैं जो 6 बार वर्ल्ड एमेच्योर बॉक्सिंग चैंपियन का खिताब जीत चुकी हैं. इसके अलावा वह 7 बार वर्ल्ड चैमियनशिप में खिताब जीत चुकी हैं. मैरी कॉम भारत की इकलौती महिला मुक्केबाज हैं जो टोक्यो में होने वाले 2020 ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकी हैं.
देश की इस स्टार महिला मुक्केबाज का जन्म 1 मार्च 1983 को मणिपुर के कांगाथेई में हुआ. बचपन से ही मैरी कॉम को एथलेटिक्स में काफी रुचि थी. दुनिया भर में अपनी मुक्केबाजी के लिए मशहुर रहे मोहम्मद अली को टीवी पर मुक्केबाजी करते देख मैरी कॉम ने मुक्केबाज बनने का फैसला किया. हालांकि उनके परिवार के लोग इस फैसले से सहमत नहीं थे. लेकिन इसके बाद मैरी कॉम ने मुक्केबाजी में जो सफलता हासिल की वह किसी से छुपी नहीं है.
कभी खेतों में काम करने वाली मैरी कॉम ने अब तक वर्ल्ड चैंपियनशिप में 7 मेडल जीते हैं. जिनमें 6 स्वर्ण और 1 रजत पदक शामिल है. साल 2014 में एशियाई खेलों में मैरी कॉम ने गोल्ड मेडल जीता. वहीं 2010 में ग्वांगझू एशियाई खेलों में वह कांस्य पदक जीतने में सफल रहीं. इसके अलावा एशियन चैंपियनशिप में मैरी कॉम ने 6 पदक जीते जिनमें 5 स्वर्ण और 1 रजत पदक शामिल है. साल 2018 में गोल्ड कोस्ट में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में एमी मैरी कॉम गोल्ड मेडल पर कब्जा किया.
मैरी कॉम ने साल 2001 में पहली बार नेशनल महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता. वह अब तक 10 बार नेशनल महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप का खिताब जीत चुकी हैं. देश और दुनिया में मुक्केबाजी में अपना नाम रोशन करने वाली एमसी मैरी कॉम को भारत सरकार ने साल 2003 में अर्जुन अवार्ड से नवाजा. वहीं साल 2006 में मैरी कॉम को सरकार ने पद्मश्री दिया. खेलों में उनके महत्व को देखते हुए भारत सरकार ने साल 2009 में उन्हें सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया. मुक्केबाजी में भारत का झंडा बुलंद करने वाली मैरी कॉम राज्यसभा सांसद हैं.