Inkhabar
  • होम
  • अध्यात्म
  • रक्षा बंधन : जब भगवान कृष्ण के हाथ से बहने लगा था खून तो द्रोपदी..यहां से शुरू हुआ ये भाई-बहन का त्योहार !

रक्षा बंधन : जब भगवान कृष्ण के हाथ से बहने लगा था खून तो द्रोपदी..यहां से शुरू हुआ ये भाई-बहन का त्योहार !

रक्षा बंधन का त्यौहार भाई बहन के प्यार में मिठास घोलता है इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर जीवन में सदा खुश रहने की कामना करती है तो वही भाई बहन कि जीवन भर ऱक्षा करने का वचन देता है.

Raksha Bandhan, Raksha Bandhan 2017, Moon eclipse, Raksha Bandhan time, Raksha Bandhan history, Raksha Bandhan date, Rakhi 2017, lunar eclipse, Chandra grahan, Chandra Grahan 2017, Religious news
inkhbar News
  • Last Updated: July 29, 2017 09:29:26 IST
नई दिल्ली: रक्षा बंधन का त्यौहार भाई बहन के प्यार में मिठास घोलता है इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर जीवन में सदा खुश रहने की कामना करती है तो वही भाई बहन कि जीवन भर ऱक्षा करने का वचन देता है.
 
इस बार रक्षा बंधन का त्यौहार सावन के महीने के आखिरी सोमवार यानि सात अगस्त को मनाया जायोगा. दरअसल हम आपको इस त्यौहार के शुरू होने के पीछे की कहानी के बारे में बताते है कब से इस त्यौहार कि शुरुआत हुई.
 
 
यहां से शुरू हुआ रक्षा बंधन
 
एक बार द्वापरयुग युग में भगवान श्री कृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र से शिशुपाल का वध किया था लेकिन तभी कृष्ण भगवान कि उंगली से रक्त बहने लगा. इसे देखरक द्रोपदी ने अपनी साड़ी से कपड़ा फाड़कर श्री कृष्ण के हाथ पर बांध दिया था. उसी वक्त भगवान कृष्ण ने द्रौपदी को बहन बना कर उसकी रक्षा करने का वचन दिया था. जिसका उन्होने द्रौपदी चीर हरण के वक्त इसका कर्ज चुकाया था.
 
लेकिन इस बार रक्षा बंधन वाले दिन ही चंद्र ग्रहण का साया होने से राखी बांधने का शुभ महुर्त का समय बहुत कम ही है.बहने सुबह 11.05 बजे से लेकर 1.52 मिनट तक ही भाई की कलाई पर राखी बांधे. 
 
चंद्रग्रहण रात को 11 बजे से होगा लेकिन इससे ठीक 9 घण्टे पहले सूतक शुरु हो जायेंगे. इसलिए राखी बांधने का शुभ समय केवल  2 घंटे 47 मिनट का ही है.हिन्दु रिती के अनुसार सूतक के वक्त कोई भी शुभ कार्य नही किया जाता है
 

Tags