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Rahul Gandhi To Contest From Amethi Wayanad: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को नहीं, यूपी में सपा-बसपा+आरएलडी गठबंधन और केरल में लेफ्ट को हराना चाहते हैं !

Rahul Gandhi To Contest From Amethi Wayanad: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उत्तर प्रदेश की अमेठी और केरल की वायनाड सीट पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. कांग्रेस के इस ऐलान के बाद केरल सीएम पिरनाई विजयन ने कहा कि राहुल बीजेपी नहीं बल्कि सीपीआई लेफ्ट पार्टियों को नुकसान पहुंचाएंगे. यही बात पहले यूपी में सपा-बसपा और आरएलडी के साथ कांग्रेस का गठबंधन न होने पर कही गई. अब सवाल ये है कि क्या सच में राहुल गांधी बीजेपी से ज्यादा दूसरी पार्टियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

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  • Last Updated: March 31, 2019 19:53:29 IST

नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी यूपी के अमेठी से ही नहीं, केरला की वायनाड सीट से भी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. अब केरल में राहुल गांधी अपनी एंट्री कर रहे हैं तो जाहिर सी बात है राजनीतिक हलचल भी मचेगी ही. इसकी शुरुआत केरल सीएम पिनराई विजयन से हुई है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का केरल की वायनाड सीट पर चुनाव लड़ना बीजेपी के लिए नहीं बल्कि सीपीआई जैसी लेफ्ट पार्टियों के लिए नुकसान है. मुख्यमंत्री विजयन ये शब्द कुछ ऐसे हैं, जैसे यूपी में सपा-बसपा और आरएलडी के साथ कांग्रेस के गठबंधन न करने पर पहले से ही कहे जा रहे हैं.

दिल्ली और हरियाणा में जब कांग्रेस पार्टी का आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन न करने पर अरविंद केजरीवाल ने तो राहुल गांधी को बीजेपी का एजेंट तक बता डाला. यानी अरविंद केजरीवाल भी राहुल से वही कहना चाहते थे जो केरल सीएम ने कहा. बस वो केजरीवाल हैं, इसलिए थोड़ा गुस्से में कह गए. वैसे बात भी सच है, राहुल गांधी की नेशनल पार्टी कांग्रेस जिस तरह से स्थानीय दलों को दरकिनार कर रही है, इसका सीधा फायदा दूसरी नेशनल पार्टी बीजेपी को हो रहा है. कैसे ये हम आपको नीचे बताएंगे.

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याद हो, कुछ दिनों पहले केरल में सबरीमाला मंदिर को लेकर बड़ा विवाद हुआ था, जब सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि मंदिर में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर रोक न हो. दरअसल, इससे पहले वहां एक उम्र की सीमा तय थी जिसके अनुसार महिलाओं को मंदिर में एंट्री की परमिशन थी. सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने इस प्रथा को रोक दिया जिससे मंदिर परिसर और सूबे के लोग भड़क गए.

जब मंदिर के कपाट खोले गए तो हिंसा हो गई. इस दौरान सीएम विजयन की सरकार ने लोगों को रोकने के लिए पूरी कोशिश भी की. मुद्दा लोगों की भावनाओं से जुड़ा था तो कांग्रेस और बीजेपी ने भी वहां चुनावी रोटी सेंकनी शुरु कर दी. यहां तक की भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने तो कोर्ट के फैसले पर ही टिप्पणी दे डाली.

विवाद के बीच कांग्रेस- बीजेपी ने लोगों का सपोर्ट किया तो मतलब उनका वोट बैंक भी बना. दूसरी ओर लोगों को रोकने के लिए पिरनाई विजयन सरकार ने पुलिस-प्रशासन को मुस्तैदी से तैनात किया. लोगों को रोकने के लिए लाठी-डंडो का भी इस्तेमाल करना पड़ा, जिसने लोग और ज्यादा भड़क गए.

अब बीजेपी पहले से ही वहां अपनी पैठ बना रही है, वहीं राहुल गांधी के वायनाड से चुनाव लड़ने का ऐलान हो चुका है. केरल में राहुल गांधी को काफी संख्या में लोग पंसद भी करते हैं. तो उनके सूबे में चुनाव लड़ने से मतदाताओं पर बड़ा असर पड़ेगा.

बड़ी परेशानी ये है कि राहुल गांधी के आने से जो वोट बैंक पार्टी का जमा होगा, वो भाजपा को नहीं बल्कि लेफ्ट पार्टियों को नुकसान देगा. क्योंकि कांग्रेस और लेफ्ट पार्टी का वोटर करीब-करीब एक ही तबकों का है जिनमें अधिकांश मुस्लिम और ईसाई समुदाय के लोग शामिल हैं. अब अगर कांग्रेस और लेफ्ट प्रत्याशी एक दूसरे को टक्कर देकर वोट काटेंगे तो सीधा फायदा भाजपा को भी मिल सकता है.

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सिर्फ केरल ही नहीं उत्तर प्रदेश में भी राहुल गांधी बीजेपी को नहीं महागठबंधन को नुकसान दे रहे हैं. दरअसल, पहले तो कांग्रेस ने अखिलेश यादव और मायावती के साथ हाथ नहीं मिलाय. साथ-साथ अपनी बहन प्रियंका गांधी को भी राजनीति में लाकर ईस्ट यूपी प्रभारी बना दिया.

प्रियंका गांधी राजनीति में आईं और यूपी की गलियों में घूमी तो कांग्रेस को सूबे में नई जान मिली. प्रियंका के आते ही प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच जोश भर गया. लेकिन परेशानी यहां भी इसी बात की आई कि महागठबंधन और कांग्रेस का अधिकांश वोटर मुस्लिम और दलित है.

हालांकि भाजपा को प्रियंका के आने से ज्यादा फर्क नहीं है क्योंकि उसका अधिकतर वोट बैंक ऐसा है जिसका हिलना काफी मुश्किल है. इस हालत में जब कांग्रेस प्रत्याशी और गठबंधन प्रत्याशी जब एक दूसरे के वोट काटेंगे तो इसका फायदा सीधा बीजेपी को मिलेगा.

इसी वजह से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से अखिलेश यादव, मायावती और केजरीवाल नाराज भी हैं, जिसके बाद लिस्ट में अब केरल सीएम पिरनाई विजयन का नाम भी शामिल हो गया है. खैर 23 मई नतीजों के बाद कुछ भी विचार करना ठीक होगा लेकिन जैसे चुनावी आंकड़ें हैं उस अनुसार तो राहुल गांधी लोकसभा चुनाव में सत्ताधारी बीजेपी को नहीं बल्कि विपक्ष खेमे की दूसरी पार्टियों को नुकसान पहुंचाते नजर आ रहे हैं.

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