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ये हैं SC के वो तीन जज जो 11 अगस्त से अयोध्या मामले पर करेंगे सुनवाई

राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 11 अगस्त से तीन जजों की विशेष पीठ रोजाना सुनावई करेगी

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  • Last Updated: August 5, 2017 15:00:10 IST
नई दिल्ली: राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 11 अगस्त से तीन जजों की विशेष पीठ रोजाना सुनावई करेगी. ये पहला मौका है जब सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि विवाद की सुनवाई के लिए तीन न्यायाधीशों की विशेष पीठ का गठन किया है. जिसमें जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर का नाम शामिल हैं. 
 
सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित विशेष पीठ में शामिल तीनों जजों के बारे में बहुत कम लोगों को पता होगा. ऐसे में हम आपको मुद्दे के अलावा इस विशेष पीठ के बारे में बताएंगे. 
 
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जस्टिस दीपक मिश्रा-
जस्टिस दीपक मिश्रा का जन्म 3 अक्टूबर 1953 को हुआ था. 14 फरवरी 1977 को उन्हें एक वकील के रूप में नामांकित किया गया था. जिसके बाद उन्होंने उड़ीसा हाई कोर्ट और सर्विस ट्रिब्यूनल में संवैधानिक, सिविल, आपराधिक, राजस्व, सेवा और बिक्री कर के मामलों में वकालत की. काफी दिनों तक वकालत करने के बाद 17 जनवरी 1996 में दीपक मिश्रा की नियुक्ति उड़ीसा हाई कोर्ट में अतिरिक्त जज के रूप में हुई.
 
 
उसके अगले साल  ही 3 मार्च 1997 को उनका तबाबदला मध्य प्रदेश हाई कोर्ट कर दिया गया. 19 दिसंबर 1997 को जस्टिस दीपक मिश्रा स्थायी न्यायाधीश नियुक्त कर दिए गए. लगभक 12 साल बाद जस्टिस दीपक मिश्रा को 23 दिसंबर 2009 को पटना हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया. उसके अगले साल 24 मई 2010 को उनका तबादला दिल्ली हाई कोर्ट हो गया.
 
फिर 10 अक्टूबर 2011 को जस्टिस दीपक मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट का जज बना दिया गया. फिलहाल जस्टिस दीपक मिश्रा सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने अगले CJI के लिए की जस्टिस दीपक मिश्रा के नाम की सिफारिश की है. लॉ मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने CJI से  अगले चीफ जस्टिस के नाम की सिफारिश मांगी थी.
 
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जस्टिस अशोक भूषण-
जस्टिस अशोक भूषण का जन्म 5 जुलाई 1956 को उत्तर प्रदेश के जौनपुर में हुआ है. इनके पिता का नाम चंद्रमा प्रसाद श्रीवास्तव और पिता का नाम कलावती श्रीभस्तव है. जस्टिस अशोक भूषण ने 1975 में आर्ट्स में स्नातक किया, फिर 1979 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने प्रथम श्रेणी में लॉ की डिग्री प्राप्त की. 6 अप्रैल 1979 को उत्तर प्रदेश बार काउंसिल में एक वकील के रूप में नामांकित हुए. उसके बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अभ्यास शुरू किया.
 
 
जस्टिस अशोक भूषण यूपी में रहते हुए इलाहाबाद विश्वविद्यालय, राज्य खनिज विकास निगम लिमिटेड और कई नगरपालिका बोर्ड, बैंक के लिए स्थायी वकील की भूमिका भी निभाई. इसके बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष भी चुने गए. इसके बाद 24 अप्रैल 2001 को इनको इलाहाबाद हाई कोर्ट का स्थायी जज नियुक्त किया गया.
 
10 जुलाई 2014 में इन्होंने केरल हाई कोर्ट में जज की शपथ ली. उसके अलगे ही महीने 1 अगस्त को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाला और  26 मार्च 2015 में उन्होंने मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ली. 13 मई 2016 को अशोक भूषण सुप्रीम कोर्ट के जज बनाए गए. 
 
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जस्टिस एस अब्दुल नजीर-
जस्टिस एस अब्दुल नजीर का जन्म 5 जनवरी 1958 को हुआ है. 18 फरवरी 1983 में उन्हें कर्नाटक हाई कोर्ट के वकील के रूप में नामांकित किया गया. उसके काफी दिनों बाद 12 मई 2003 को इनकी नियुक्ति कर्नाटक हाई कोर्ट में अतिरिक्त जज के रूप में हुई. उसके बाद साल 2004 में 24 सितंबर को इनको परमानेंट जज नियुक्त कर दिया गया. फिर 17 फरवरी 2017 को एस अब्दुल नजीर सुप्रीम कोर्ट का जज बने.
 

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