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गोरखपुर हादसे पर गरमाई सियासत, कांग्रेस ने कहा- इस्तीफा दें मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री

33 बच्चों की मौत के मामले से सूबे की सियासत गरमा गई है. कांग्रेस की ओर से गुलाम नबी आजाद, राज बब्बर, संजय सिंह और प्रमोद तिवारी गोरखपुर पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मिले. कांग्रेस ने इस घटना के लिए यूपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि ये सरकार की नाकामी का नतीजा है.

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  • Last Updated: August 12, 2017 14:23:13 IST
गोरखपुर: 33 बच्चों की मौत के मामले से सूबे की सियासत गरमा गई है. कांग्रेस की ओर से गुलाम नबी आजाद, राज बब्बर, संजय सिंह और प्रमोद तिवारी गोरखपुर पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मिले. कांग्रेस ने इस घटना के लिए यूपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि ये सरकार की नाकामी का नतीजा है. अस्पताल से बाहर निकलकर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि योगी सरकार की लापरवाही के कारण इतना बड़ा हादसा हुआ है. अस्तपताल में ऑक्सीजन की कमी थी ये हर किसी को पता था लेकिन किसी ने इसकी कमी को पूरा नहीं किया. ये पूरी तरह योगी सरकार की कमी रही है. मुख्यमंत्री को माफी मांगनी चाहिए और स्वास्थ्य मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए.
 
बता दें कि गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में पिछले पांच दिनों के अंदर 63 बच्चों की मौत हो गई है, जिसकी वजह से पूरे जिले में हाहाकार मचा हुआ है. 32 मौते तो पिछले 48 घंटों में ही हुई हैं, उससे पहले भी तीन दिन के अंदर ही 28 बच्चों ने दम तोड़ दिया था. हालांकि प्रशासन इस बात को मानने से इनकार कर रहा है कि ये मौंते ऑक्सीजन की कमी से हुई हैं. सरकार भले ही कह रही हो को ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत नहीं हुई लेकिन इंडिया न्य़ूज की पड़ताल में खुलासा हुआ है कि बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई. इंडिया न्यूज ने अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट का दौरा किया तो पाया कि प्लांट में लिक्विड ऑक्सीजन की मात्रा जीरो थी. प्लांट में लगा मीटर इसकी गवाही दे रहा था.
 
सूबे के चिकित्सा शिक्षा मंत्री और अस्पताल का दावा था कि ऑक्सीजन की कमी से मौतें नहीं हुई लेकिन प्लांट में ऑक्सीजन की मात्रा बताने वाले मीटर ने इस दावे की कलई खोल दी. अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने के बाद जब बच्चों की मौत होने लगी तो लखनऊ, फैजाबाद से आनन फानन में ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाकर हालात पर काबू की कोशिश हुई. बच्चों की मौत के बाद पता चला है कि अस्पताल को ऑक्सीजन आपूर्ति करने वाली कंपनी ने पेमेंट न होने पर लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई बंद कर दी थी. अस्पताल को ऑक्सिजन आपूर्ति करने वाली फर्म ने एक अगस्त को मेडिकल कॉलेज को चिट्ठी लिखकर 63 लाख के बकाए भुगतान ना होने पर ऑक्सीजन सप्लाई बंद करने की चेतावनी दी थी. इस बीच एक और खुलासा हुआ है कि अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट कर्मियों ने ऑक्सीजन की कमी की जानकारी 3 अगस्त को ही प्रबंधन को दे दी थी लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया गया. 3 अगस्त को अस्पताल प्रबंधन को लिखी चिट्ठी में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी के बकाए का भुगतान ना होने से सप्लाई रोकने की चेतावनी का भी जिक्र था
 

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