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महाराष्ट्र: अब कॉर्पोरेट जगत की मदद से कम की जाएगी जेल में कैदियों की संख्या

राज्य की जेलों में कैदियों की संख्या कम करने के लिए महाराष्ट्र सरकार अब कॉर्पोरेट मतलब उद्योग जगत की मदद लेगी. दरअसल जेलों में बंद कैदियों में अधिकतर कैदी ऐसे हैं जो केवल कुछ पैसों के अभाव में जमानत नहीं करा पाते

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  • Last Updated: August 18, 2017 16:59:05 IST
मुंबई: राज्य की जेलों में कैदियों की संख्या कम करने के लिए महाराष्ट्र सरकार अब कॉर्पोरेट मतलब उद्योग जगत की मदद लेगी. दरअसल जेलों में बंद कैदियों में अधिकतर कैदी ऐसे हैं जो केवल कुछ पैसों के अभाव में जमानत नहीं करा पाते. जमानत के अभाव में वे जेल में पड़े रहते हैं.
 
ऐसे कैदियों को सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिल्टी) की सहायत से जमानत के लिए आर्थिक मदद कराने पर विचार किया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक इसके लिए गठित गृह विभाग की समिति ने कई सिफारिशें की हैं. गृह विभाग इस संबंध में रिपोर्ट भी तैयार कर रहा है. जेलों में ऐसे बहुत से कैदी होते हैं जो  सालों से जेल में ही पड़े हैं. उनके पास इतने पैसे नहीं होते कि वे अपना जमानत करवा सके. 
 
 
बता दें कि राज्य के जेलों में क्षमता से अधिक कैदी भरे पड़े हैं. ऐसे में कैदी को काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है. कैदियों की संख्या अधिक होने के कारण जेल की व्यवस्था भी चरमरा जाती है. जेल में बढ़ती कैदियों की संख्या की समस्या केव महाराष्ट्र में ही नहीं बल्कि देश के दूसरे राज्यों में भी है. दूसरे राज्य की जेलें भी कैदियों से खचाखच भरी हुईं हैं.

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