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गौरक्षा के नाम पर हिंसा बंद हो : सुप्रीम कोर्ट

याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि इस प्रकार की घटनाओं पर रोक के लिए कदम उठाना भी जरूरी है.

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  • Last Updated: September 6, 2017 06:29:47 IST
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में गौरक्षा के नाम पर हिंसा के मामले में कहा है कि ये तत्काल बंद होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने गौरक्षा के नाम पर बने संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए ये बात कही. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विजिलेंटिज्म के नाम पर हिंसा रुकनी चाहिए. गौरक्षा के नाम पर हिंसा मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मसले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी.
 
सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच में शामिल जस्टिस ऐ एम खानवेलकर ने याचिकाकर्ता से कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही जब बिहार में एक साथ 200 से ज़्यादा पशुओं को काटा गया था तो उस पर भी याचिका दायर करनी चाहिए थी. कोर्ट ने साफ किया कि ऐसे मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई नहीं करेगा. कोर्ट सिर्फ ये देखेगा कि विजिलेंटिज्म के नाम पर हो रही हिंसा की घटनाओं को रोका जा सके.
 
 
दरअसल याचिकाकर्ता की ओर से पेश कॉलिन गोंजाल्विस ने सुनवाई के दौरान कोर्ट में कहा कि हिंसा की इन घटनाओं के पीछे नेता ही हैं जो लगातार गौरक्षक दलों का बचाव करते हैं. वो राष्ट्रीय चैनलों पर भी सावर्जनिक तौर पर ऐसी बयानबाजी करते हैं. उनके पास ऐसे उदाहरण भी हैं.
 
याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि इस प्रकार की घटनाओं पर रोक के लिए कदम उठाना भी जरूरी है. मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर राज्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए हर जिले में वरिष्ठ पुलिस पुलिस अफसर नोडल अफसर बने. जो ये सुनिश्चित करे कि कोई भी विजिलेंटिज्म ग्रुप कानून को अपने हाथों में ना ले.
 
कोर्ट ने कहा कि अगर ऐसी कोई घटना होती है तो नोडल अफसर कानून के हिसाब से कारवाई करें. सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को डीजीपी के साथ मिलकर हाईवे पर पुलिस पेट्रोलिंग को लेकर रणनीति तैयार करें. 
 
 
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