Inkhabar
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • प्रद्युम्न हत्याकांड में बड़ा खुलासा, ड्राइवर ने कहा- बस में कोई चाकू था ही नहीं

प्रद्युम्न हत्याकांड में बड़ा खुलासा, ड्राइवर ने कहा- बस में कोई चाकू था ही नहीं

प्रद्युम्न हत्याकांड में बस के ड्राइवर ने बड़ा खुलासा किया है. ड्राइवर सौरभ राघव ने इंडिया न्यूज़ को बताया कि बस में कोई चाकू था ही नहीं, वह रोज टूल बॉक्स को चेक करता था.

Pradyuman murder case, Ryan international School, Bus Driver, Bus Conducter, Supreme Court, haryana police, SIT, Pradyuman murder, Ryan international murder case, Gurugram Student Murder, Pradyuman murder accused, Ryan Pinto, CEO of Ryan, Gurugram, National News, India News
inkhbar News
  • Last Updated: September 12, 2017 06:38:50 IST
गुरुग्राम : प्रद्युम्न हत्याकांड में बस के ड्राइवर ने बड़ा खुलासा किया है. ड्राइवर सौरभ राघव ने इंडिया न्यूज़ को बताया कि बस में कोई चाकू था ही नहीं, वह रोज टूल बॉक्स को चेक करता था.
 
आपको बता दें कि प्रद्युम्न की हत्या के मामले में जिस बस के कंडक्टर की गिरफ्तारी हुई है उसी बस के ड्राइवर ने यह खुलासा किया है. कंडक्टर ने बताया था कि वह बस में पड़ा पुराना चाकू धोने के लिए स्कूल के बाथरूम में गया था.
 
बस के ड्राइवर ने कहा है, ‘बस में कोई चाकू था ही नहीं. मैं रोज टूल बॉक्स चेक करता था और प्रद्युम्न की हत्या के दिन टूल बॉक्स में कोई चाकू था ही नहीं. कंडक्टर अशोक का व्यवहार बच्चों के साथ बहुत अच्छा था, ऐसे में भरोसा नहीं होता कि अशोक ऐसा कर सकता है.’
 
ड्राइवर ने बताया, ‘हम बच्चों को स्कूल में लेकर गए थे. 7.50 पर हमारी एंट्री हो गई थी. उसके बाद गाड़ी को पार्किंग में लगाने के बाद मैं एक ड्राइवरों के साथ बैठ गया था. उसके बाद अशोक जो मेरा कंडक्टर है वह गाड़ी के पास से कब गया वह पता नहीं. उसके बाद फिर हमें ऑफिस की तरफ से हल्ला सुनाई दिया. हम उधर की तरफ गए. उधर जाकर के हमने देखा कि हमारी मैडम अंजू और सर थॉमस अंदर से बाहर आते हैं और कहते हैं कि सौरभ जल्दी से गाड़ी लेकर आओ.’
 
सौरभ राघव ने बताया, ‘मैं वापिस पार्किंग की तरफ जाता हूं गाड़ी लेकर आता हूं. फिर गाड़ी आगे साइड में लगा देता हूं. उसके बाद बच्चे को स्कूल की वेगेनार में अस्पताल लेकर जाते हैं. ये बात हमें कंडक्टर ने ही बताई थी कि वो ही बच्चे को अंदर से बाहर लेकर आया था. उस वक्त कंडक्टर के कपड़े खून से सने हुए थे. बस में टूल बॉक्स में कोई चाकू नहीं था, क्योंकि दो दिन पहले ही मैंने टूल बॉक्स साफ किया था. बाकि अगर कंडक्टर खुद चाकू लेकर आया हो तो ये बात मुझे नहीं पता. डेढ़ सालों में चाकू की कोई जरूरत पड़ी ही नहीं. अशोक के चेहरे पर डर का भाव नहीं था, नॉर्मल था.’

Tags