Inkhabar
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • SC ने केंद्र से पूछा, NULM के तहत जारी रकम का ऑडिट और मॉनिटर कैसे हो ?

SC ने केंद्र से पूछा, NULM के तहत जारी रकम का ऑडिट और मॉनिटर कैसे हो ?

शहर में रहने वाले बेघर लोगों के लिए रैनबसेरों के इंतजाम को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को पूछा कि राष्ट्रीय नगरीय जीविका मिशन के तहत राज्यों को दिए पैसों का ऑडिट कैसे किया जाए. दरअसल राष्ट्रीय नगरीय जीविका मिशन के तहत कई मिशन है उनमें से ही एक शहर में रहने वाले बेघर लोगों के लिए रैनबसेरों के इंतजाम करना भी है.

NULM, Supreme Court, Supreme Court on NULM, Central Goverment, Modi Goverment, National Urban Livelihoods Mission, National News, Hindi News
inkhbar News
  • Last Updated: September 13, 2017 07:18:37 IST
नई दिल्ली : शहर में रहने वाले बेघर लोगों के लिए रैनबसेरों के इंतजाम को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को पूछा कि राष्ट्रीय नगरीय जीविका मिशन के तहत राज्यों को दिए पैसों का ऑडिट कैसे किया जाए. दरअसल राष्ट्रीय नगरीय जीविका मिशन के तहत कई मिशन है उनमें से ही एक शहर में रहने वाले बेघर लोगों के लिए रैनबसेरों के इंतजाम करना भी है. 
 
बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को कहा कि राष्ट्रीय नगरीय जीविका मिशन के तहत पैसे जो राज्य सरकारों को दिए है उनका ऑडिट होना जरूरी है. ऑडिट का काम केंद्र सरकार को करना है। कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या इसका ऑडिट CAG से कराया जा सकता है. 
 
 
सुप्रीम कोर्ट ने कहा इस योजना के तहत 790 शहर आते है ऐसे में 790 शहरों में रैनबसेरों की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के लिए व्यवहारिक तौर पर संभव नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे में दो विकल्प है.
 
पहला ये कि हर हाई कोर्ट को ये जिम्मेदारी दे दी जाए कि वो उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाले शहरों का मॉनिटर करे। जैसे उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाई कोर्ट को कहा जाए.
 
दूसरा विकल्प यह है कि इस पूरे योजना की सुप्रीम कोर्ट खुद मोनिटरिंग करे. जिस पर केंद्र सरकार ने कहा पहला विकल्प बेहतर है क्योंकि 790 शहरों को मॉनिटर करना सुप्रीम कोर्ट के लिए संभव नही हो पायेगा. हालांकि कोर्ट ने कहा 13 अक्तूबर तक वो बताये कि राष्ट्रीय नगरीय जीविका मिशन के तहत राज्यों को दिए पैसों का ऑडिट और इसका मॉनिटर कैसे हो ?

Tags