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जिस रॉकी तुसीद का DU ने नॉमिनेशन कैंसिल कर दिया था वही बन गए DUSU प्रेसिडेंट

दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव में रॉकी तुसीद ने अध्यक्ष पद के लिए जीत का परचम लहरा कर चार साल बाद कांग्रेस पार्टी की स्टूडेंट विंग एनएसयूआई की वापसी करा दी है. डूसू प्रेसिडेंट बनने वाले रॉकी तुसीद वही हैं, जिनके नॉमिनेशन को दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कैंसिल कर दिया था.

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  • Last Updated: September 13, 2017 11:58:38 IST
नई दिल्ली. दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव में रॉकी तुसीद ने अध्यक्ष पद के लिए जीत का परचम लहरा कर चार साल बाद कांग्रेस पार्टी की स्टूडेंट विंग एनएसयूआई की वापसी करा दी है. डूसू प्रेसिडेंट बनने वाले रॉकी तुसीद वही हैं, जिनके नॉमिनेशन को दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कैंसिल कर दिया था. 
 
दिल्लू यूनिवर्सिटी इलेक्शन कमिटी ने 6 सिंतबर को अनुशासनात्मक कार्रवाई के आधार पर रॉकी तुसीद की अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी को कैंसिल कर दिया था. हालांकि, तुसीद के बैकअप के रूप में एनएसयूआई ने अल्का का नाम आगे कर दिया था. 
 
मगर इसके बाद तुसीद ने हाईकोर्ट का रास्ता अपनाया था. पिछले गुरुवार को उन्होंने याचिका दायर की थी. रॉकी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने रॉकी को दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ का चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी थी और कोर्ट ने उनकी मुख्य याचिका को 28 सितंबर के लिए सुनवाई के लिए रखा, जिसमें अनुशासनात्मक कार्रवाई के आधार पर डीयू के मुख्य चुनाव अधिकारी एसबी बब्बर को उनका नामांकन खारिज करने को चुनौती दी गई है.
 
 
तुसीद ने कोर्ट में कहा था कि उन्होंने पहले भी बौद्ध अध्ययन विभाग के छात्र निकाय के लिए चुनाव लड़ा हैं और इसलिए उन्हें डीयूएसयू चुनाव लड़ने की अनुमति दी जानी चाहिए. बता दें कि रॉकी तुसीद शिवाजी कॉलेज से हैं. वो बौद्ध अध्यन में एमए के छात्र हैं. वो आर्ट्स फैकल्टी के भी अध्यक्ष हैं.
 
हाई कोर्ट ने यूनिवर्सिटी से जानना चाहा था कि कैसे किसी कॉलेज की ओर से किसी छात्र को दी गई चेतावनी को उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करार दिया जा सकता है. जज ने दलीलें सुनते हुए कहा- याचिकाकर्ता ने कहा कि शिवाजी कॉलेज ने उन्हें चेताया था और यह कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं है. कोर्ट ने कहा था कि मुझे समझ नहीं आता कि यह अनुशासनात्मक कार्रवाई कैसे हो सकती है.
 
हालांकि, कोर्ट में मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा था कि तुसीद को कॉलेज में प्रेवश करने से रोक दिया गया था, जिसका मतबल है कि उसके ऊपर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई थी. 
 
 
अदालत ने कहा कि छात्र का नामांकन रद्द करके विश्‍वविद्यालय ने उसका अपमान किया है. रॉकी की ओर से अदालत में पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील पी चिदंबरम ने कहा कि एक गुमनाम शिकायत के आधार पर मुख्य चुनाव अधिकारी कैसे उसके नामांकन को रद्द कर सकते हैं. 
 
बता दें कि डूसू चुनाव के नतीजे घोषित हो गए हैं. प्रेसिडेंट, वाइस प्रेसिडेंट पद पर NSUI प्रत्याशी जीत गए हैं. जबकि सेक्रेटरी और ज्वाइंट सेक्रेटरी पद पर ABVP ने जीत हासिल की है. 

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