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नीतीश ने मिलाया PM मोदी के सुर में सुर, कहा- लोकसभा-विधानसभा चुनाव एक साथ कराने पर तैयार

लोकसभा और विधानसभा चुनाव को साथ कराने के लिए काफी समय से बहस चल रही है, मगर बिहार के सीएम नीतीश कुमार का इस पर साफ स्टैंड है. नीतीश कुमार भी चाहते हैं कि चुनाव सुधार की प्रक्रिया में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ ही हो.

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  • Last Updated: September 18, 2017 11:00:41 IST
पटना. लोकसभा और विधानसभा चुनाव को साथ कराने के पीएम मोदी भी वकालत कर चुके हैं. अब इस बार पीएम मोदी के नक्शे कदम पर चलते हुए सीएम नीतीश कुमार ने भी इस मामले में अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया है. नीतीश कुमार चुनाव सुधार की प्रक्रिया में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होने के पक्ष में हैं.
 
सीएम नीतीश कुमार ने इस मामले पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होने चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि वे इसके लिए तैयार हैं.  से खर्च में कमी आएगी. इतना ही नहीं, नीतीश कुमार ने पंचायती राज और स्थानीय निकाय के चुनावों को भी एक साथ कराने की वकालत की. उन्होंने कहा कि चुनी गयी सरकार को काम करने का अवसर मिलना चाहिए. 
 
ऐसा नहीं है कि नीतीश कुमार ने पहली बार लोकसभा और राज्यसभा चुनाव को एक साथ कराने की वकालत की है. इससे पहले भी वे कई बार इसके पक्ष में अपनी आवाज बुलंद कर चुके हैं. उनका मानना है कि इससे पैसे और संसाधनों की खपत में कमी होगी. हालांकि, नीतीश ने इसकी वकालत तब-तब की है, जब वे बीजेपी के साथ रहे हैं.
 
 
बता दें कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव को एक साथ कराने के लिए नरेंद्र मोदी भी अपनी इच्छा जता चुके हैं. उस वक्त नीतीश की पार्टी के ही प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह भी पीएम मोदी का इस मुद्दे पर सपोर्ट किया था. साथ ही उन्होंने कहा था कि पार्टी इसके लिए हमेशा तैयार है.
 
गौरतलब है कि बिहार में लालू की पार्टी राजद और नीतीश की पार्टी जदयू ने साथ मिलकर सरकार बनाई थी, मगर अब दोनों राज्य में अलग-अलग हैं और नीतीश कुमार बीजेपी के साथ हैं. अगर बिहार विधानसभा चुनाव भी लोकसभा के साथ किया जाएगा तो बिहार विधानसभा को करीब ढेढ़ साल पहले ही भंग करना पड़ेगा. क्योंकि बिहार में चुनाव 2020 में होना है और लोकसभा चुनाव 2019 में. 

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