Inkhabar
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक के प्रमोटर संजय चंद्रा को अंतरिम जमानत देने से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक के प्रमोटर संजय चंद्रा को अंतरिम जमानत देने से किया इनकार

यूनिटेक के प्रमोटर संजय चंद्रा को गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत नहीं दी. कोर्ट ने चंद्रा की जमानत देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर पर सख्त रवैया अपनाते हुए कहा कि 16300 फ्लैटखरीदारों के आंसू बिल्डर की आजादी से ज्यादा कीमती हैं.

Supreme Court, Unitech promoter, interim bail, Sanjay Chandra, Unitech, Unitech Ltd, Chief Justice Dipak Misra, Justices A M Khanwilkar, D Y Chandrachud, Pawan C Aggrawal
inkhbar News
  • Last Updated: September 21, 2017 10:59:35 IST
नई दिल्ली: यूनिटेक के प्रमोटर संजय चंद्रा को गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत नहीं दी. कोर्ट ने चंद्रा की जमानत देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर पर सख्त रवैया अपनाते हुए कहा कि 16300 फ्लैटखरीदारों के आंसू बिल्डर की आजादी से ज्यादा कीमती हैं. कोर्ट को सुनिश्चित करना है कि खरीदारों को फ्लैट मिले या वापस पैसा, इसके बाद वो आजाद पंछी होंगे. जमानत पाने का सिद्घांत इस केस में लागू नहीं है क्योंकि एक आदमी यानी बिल्डर को 16392 खरीदारों से बराबरी करनी है. सुप्रीम कोर्ट ने एमिक्स की बनाई वेबसाइट www.amicus.unitech.in पर सभी खरीदारों को अपनी सूचना देने के लिए कहा है. 
 
सुप्रीम कोर्ट में एमिक्स क्यूरी ने कोर्ट को बताया कि यूनिटेक के कुल 74 प्रोजेक्ट हैं जिनमें 13 प्रोजेक्ट दिए जा चुके हैं. इनमें कुल करीब 23 हजार फ्लैट हैं जिनमें से 16299 फ्लैट नहीं दिए गए हैं. इन खरीदारों का कुल निवेश 7816 करोड बनता है. वहीं संजय चंद्रा की ओर से कहा गया कि वो सभी निवेशकों को फ्लैट देना चाहते हैं. इसके लिए इन्हें रिहाई दी जाए. वो 45 दिन से जेल में हैं और अंतरिम जमानत पर बाहर आकर प्रोजेक्ट पर काम करेंगे. वही अकेले जेल में हैं जबकि बाकी बिल्डर आराम से घूम रहे हैं. इसमें छह महीने का वक्त लगेगा. अगर ऐसा ना हो तो सीधे दोषी करार देकर सजा दे दी जाए. कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा कि कोर्ट यूनिटेक के प्रोजेक्ट पर रिसीवर बैठाकर नीलामी करा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब मामले की सुनवाई 23 अक्तूबर को होगी. बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि जब तक कोर्ट को खीरददारों और लंबित प्रोजेक्ट की जानकारी नहीं मिलती, तब तक जमानत पर विचार नहीं किया जाएगा.
 

Tags