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परवेज मुशर्रफ का दावा- बेनजीर भुट्टो और मुर्तजा भुट्टो की हत्या में था जरदारी का हाथ

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर सनसनीखेज खुलासा किया है. परवेज मुशर्रफ ने 'पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी' के सह अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी पर उनकी पत्नी और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया.

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  • Last Updated: September 21, 2017 13:53:05 IST
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर सनसनीखेज खुलासा किया है. परवेज मुशर्रफ ने ‘पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी’ के सह अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी पर उनकी पत्नी और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया.
 
अपनी पार्टी के सोशल मीडिया पेज पर डाले गए वीडियो में परवेज मुशर्रफ ने दावा किया कि जरदारी बेनजीर और मुर्तजा भुट्टो की हत्या में शामिल थे. मुशर्रफ के मुताबिक  बेनजीर की हत्या से सबसे ज्यादा फायदा जरदारी को ही मिलना था. राजनीतिक फायदे के लिए ही जरदारी ने बेनजीर की हत्या करवाई.
 
मुशर्रफ ने आगे कहा ‘मेरे सब्र का बांध तब टूटा, जब हाल ही में जरदारी ने बेनजीर की हत्या में मेरा हाथ बताया. बेनजीर के कत्ल के बाद सबसे ज्यादा नुकसान मेरा हुआ था. मेरी सरकार खतरे में आ गई थी. यह सब जानने के बावजूद मैं अपनी ही सरकार को नुकसान क्यों पहुंचाऊंगा.’
 
मुशर्रफ के मुताबिक बेनजीर की हत्या से सिर्फ एक ही व्यक्ति को फायदा मिलने वाला था और वह शख्स उनके पति आसिफ अली जरदारी ही थे. वीडियो में मुशर्रफ सवाल करते हैं कि जरदारी पांच साल तक सत्ता में रहे लेकिन उन्होंने क्यों कभी इस केस की सही तरीके से जांच नहीं होने दी?
 
 
ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि वह खुद (जरदारी) इस हत्या में शामिल थे. मुशर्रफ ने बताया कि जांच में मिले सबूतों से साफ हो गया है कि बैतुल्लाह महसूद और उसके लोगों ने ही बेनजीर की हत्या की थी, लेकिन उन्हें बेनजीर भुट्टो को निशाना बनाने के लिए किसने कहा था?
 
मुशर्रफ ने खुलासा किया कि वह बैतुल्लाह मसूद को मारना चाहते थे. यहीं वजह है कि जरदारे के लोगों ने उनपर जानलेवा हमला किया था. दूसरी तरफ जरदारी के अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई से अच्छे संबंध थे. अपने संबंधों के बल पर वह महसूद और उसके लोगों को प्रभावित कर सकते थे.
 
मुशर्रफ ने कहा कि उनपर बेनजीर की सुरक्षा में लापरवाही बरतने का आरोप है, लेकिन इसके लिए वह जिम्मेदार नहीं हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर किसने कहने पर बुलेट प्रूफ कार से बेनजीर को बाहर बुलाया गया. कार में उस वक्त कुछ लोग मौजूद थे, जिनमें से एक जरदारी का पुराना दोस्त खालिद शहंशाह भी था.
 
 
शहंशाह ही बेनजीर का सिक्योरिटी इंचार्ज था. उसके पास फील्ड का कोई खास अनुभव भी नहीं था. सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि बेनजीर की हत्या के कुछ समय बाद शहंशाह की भी हत्या हो जाती है. मुशर्रफ ने कहा, इससे भी ज्यादा हैरानी उन्हें तब हुई जब शहंशाह की हत्या के आरोपी का भी कत्ल हो जाता है. इन सबके पीछे एक ही शख्स का हाथ था और वह आसिफ अली जरदारी ही है.
 
गौरतलब है कि साल 2007 में पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या कर दी गई थी. उनकी हत्या के आरोप में देश के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ पर 2013 में आरोप तय हुए थे. मुशर्रफ उसके बाद से ही दुबई में रह रहे हैं. हाल ही में पाकिस्तान की अदालत ने बेनजीर भुट्टो मर्डर केस में परवेज मुशर्रफ को भगोड़ा करार दिया है. इस केस में 2 आरोपियों को सजा मिली थी, जबकि 5 अन्य को बरी कर दिया गया था.
 
 

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