Inkhabar
  • होम
  • अध्यात्म
  • इन जगहों पर छिपे हैं दशानन के कई रहस्य, दशहरे पर होती है रावण की पूजा

इन जगहों पर छिपे हैं दशानन के कई रहस्य, दशहरे पर होती है रावण की पूजा

30 सितंबर को देशभर में दशहरे का त्योहार मनाया जाएगा, भगवान राम ने रावण को युद्ध में हराकर उसका वध किया था. इसी कारण इस दिन विजयादशमी का त्योहार मनाया जाता है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि देश में ऐसी जगह भी है जहां दशहरे के दिन भगवान राम की नहीं रावण की पूजा होती है.

Dussehra 2017, Vijayadashami 2017, Ravana puja, Dussehra celebration in India
inkhbar News
  • Last Updated: September 29, 2017 06:43:27 IST
नई दिल्ली: 30 सितंबर को देशभर में दशहरे का त्योहार मनाया जाएगा, भगवान राम ने रावण को युद्ध में हराकर उसका वध किया था. इसी कारण इस दिन विजयादशमी का त्योहार मनाया जाता है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि देश में ऐसी जगह भी है जहां दशहरे के दिन भगवान राम की नहीं रावण की पूजा होती है.
 
दशकों से दशहरा का पर्व हिंदू धर्म में इसी तरह मनाया जाता रहा है. माना जाता है कि इस दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध कर लंका पर विजय पाई थी और अपनी पत्नी यानि देवी सीता को उसकी कैद से वापस ले आए थे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे देश में ही कई ऐसी जगह हैं जहां पर रावण के पुतले को जलाया नहीं जाता बल्कि रावण को पूजा जाता है.
 
आइए जानते हैं कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में जहां रावण की पूरे आदर-भाव से होती है पूजा –
 
गौतमबुद्ध नगर
1. उत्तर प्रदेश का एक जिला है गौतमबुद्ध नगर. यहां के बिसरख गांव में एक रावण का मंदिर है. ये गांव गाजियाबाद से महज 15 किलोमीटर दूर है और माना जाता है कि ये रावण का ननिहाल था. पहले इस गांव का नाम विश्वेश्वरा था जोकि रावण के पिता विश्रवा के नाम पर पड़ा, लेकिन अब इसे बिसरख के नाम से जाना जाता है.
 
मध्य पद्रेश के मंदसौर
2. मध्य पद्रेश के मंदसौर में भी रावण का पूजन किया जाता है. माना जाता है कि रावण की पत्नी मंदोदरी मंदसौर की रहने वाली थीं यानि वहां की बेटी थीं और इस लिहाज से रावण मंदसौर का दामाद था. इसीलिए यहां रावण का पूरे जोर-शोर से पूजन होता है. यहां के खानपुरा क्षेत्र में रावण की एक बहुत बड़ी मूर्ति भी है.
 
 महाराष्ट्र का अमरावती
3. महाराष्ट्र का अमरावती इलाका भी एक ऐसी जगह है जहां रावण को जलाया नहीं जाता बल्कि पूजा जाता है. यहां का आदिवासी समुदाय गढ़चिरौली नाम की एक जगह पर रावण का पूजन करता है क्योंकि ये समुदाय रावण को अपना देवता मानता है.
 
 
मध्य प्रदेश के ही उज्जैन
4. मध्य प्रदेश के ही उज्जैन में एक गांव है चिखली. वहां भी रावण को पूरे आदर-भाव के साथ पूजा जाता है. यहां के लोग मानते हैं कि अगर रावण को पूजा नहीं गया तो पूरा गांव जलकर राख हो जाएगा. इसीलिए यहां के लोग रावण के पुतले को जलाने के बजाय उसकी पूजा करते हैं ताकि गांव सुरक्षित रहे. इतना ही नहीं इस गांव में रावण की एक मूर्ति भी है.
 
 उत्तर प्रदेश के इटावा
5. उत्तर प्रदेश के इटावा में रावण की जिस तरह से पूजा की जाती है वैसी शायद ही कहीं और होती हो. यहां दशहरे वाले दिन रावण को पूरे शहर में घुमाकर उसकी आरती उतारी जाती है और पूजन किया जाता है.
 
 
 हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा
6. हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में एक गांव है वहां भी रावण के पुतले को जलाया नहीं जाता बल्कि पूजा की जाती है. इसके पीछे मान्यता यह है कि यहां रावण ने भगवान शिव की तपस्या की थी जिससे प्रसन्न होकर शिव ने रावण को मोक्ष का वरदान दिया था.
 
 
आंध्र पद्रेश के काकीनाडा
7. वहीं आंध्र पद्रेश के काकीनाडा में एक ऐसा मंदिर है जहां रावण और भगवान शिव दोनों की ही पूजा की जाती है। काकीनाडा रावण मंदिर में रावण की मूर्ति के अलावा शिवलिंग भी है और लोग पूरे श्रद्धा भाव से वहां पूजन करते हैं.
 

Tags