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दशहरा 2017: इस बार 47 मिनट का है विजय मु‌हूर्त, इस खास विधि से पूजा करने पर मिलेगी समृद्धि

आज दशहरा है और दशहरे की धूम आज देश भर में छाई हुई है. दशहरा या विजयादशमी एक ऐसा दिन जब रावण के पुतले को जलाया जाता है और उसे बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है. देश को हर कोने में लोग अपने-अपने अंदाज में दशहरा मनाते हैं. ऐसा माना जाता है कि दशहरे के दिन शमी के पेड़ की पूजा और नीलकंठ पक्षी के दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

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  • Last Updated: September 30, 2017 06:04:28 IST
नई दिल्ली: पूरे देश में दशहरा की धूम मची हुई है. दशहरा या विजयादशमी एक ऐसा दिन जब रावण के पुतले को जलाया जाता है और उसे बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है. देश को हर कोने में लोग अपने-अपने अंदाज में दशहरा मनाते हैं. ऐसा माना जाता है कि दशहरे के दिन शमी के पेड़ की पूजा और नीलकंठ पक्षी के दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.  
 
ये त्योहार नवरात्रि के दसवें दिन मनाया जाता है. यह त्योहार श्री राम और रावण की कहानी के लिए को जाना ही जाता है इसके अलावा इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार भी किया था इसलिये भी इसे विजयदशमी के रुप में मनाया जाता है.
 
 
इस दिन विजयदशमी के दिन क्षत्रिय शस्‍त्र-पूजा करते हैं जबकि ब्राह्मण उसी दिन शास्‍त्र-पूजा करते हैं. इस बार विदयदशमी 30 सितंबर 2017 को मनाई जा रही है. इस साल 29 सितंबर की रात 11 बजे से ही दशमी का प्रारंभ हो जाएगा और 1 अक्टूबर 1 बजकर 35 मिनट तक रहेगा.  इस दिन विजय मुहूर्त 47 मिनट का रहेगा. 
 
 
दशमी के दिन ये विजय मुहूर्त दोपहर दोपहर 2 बजकर 8 मिनट से 2 बजकर 55 मिनट तक रहेगा. वहीं पूजा का समय दोपहर 1 बजकर 21 मिनट से 3 बजकर 42 मिनट तक रहेगा. 
 
दशहरा हिन्दुओं का मुख्य त्योहार है. इसदिन रावण की पूजा भी की जाती है. दशहरा के दिन सुबह उठकर अपने सभी काम खत्म करने के बाद स्नान आदि करके साफ-सुथरे कपड़े पहन लें. इसके बाद गाय के गोबर से दस कंडे़ बनाएं और जो नवरात्रि में आप जौं बीजते हैं उन्हें इन कंड़ों पर लगाए. इसके अलावा आप इन कंड़ो को कई तरह का आकार भी दे सकते हैं. इसके बाद धूम-दीप जलाकर बताए गए मुहूर्त पर रावण की पूजा करें.

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