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‘सत्याग्रह’ पर अन्ना हजारे, कहा- लोकपाल नहीं लाती सरकार तो दिसंबर से शुरू होगा आंदोलन

अन्ना हजारे ने आज गांधी जयंती के मौके पर एक दिन का सत्याग्रह किया, आज सुबह गांधी समाधि पर पहुंचकर उन्होंने सत्याग्रह शुरू किया.

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  • Last Updated: October 2, 2017 11:20:16 IST
नई दिल्ली : अन्ना हजारे ने आज गांधी जयंती के मौके पर एक दिन का सत्याग्रह किया, आज सुबह गांधी समाधि पर पहुंचकर उन्होंने सत्याग्रह शुरू किया.अन्ना हजारे ने कहा भगत सिंह ने जो सपना देखा था,वो सपना आजादी के 70 साल के  बाद भी पूरा नहीं हुआ है. सपना था अंग्रेजों को भारत से जाना और लोकतंत्र लाना लेकिन लोकतंत्र नहीं आया,गरीब और गरीब बन गया है,गरीब और अमीर के बीच फासला कम नहीं हुआ.
 
अन्ना ने लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति की मांग करते हुए पहले जंतर मंतर और बाद में रामलीला मैदान में अनशन के जरिए पूरे देश की राजनीतिक चेतना को झकझोर कर यूपीए सरकार की ताबूत में आखिरी कील ठोंक देने का काम किया था. उन्होंने कहा कि अगर सरकार अपने वादे पूरे करती तो इसी साल के आखिरी या अगले साल की शुरुआत में आंदोलन करूंगा.
 

 
दिसंबर से शुरू हो सकता है आंदोलन
 
अन्ना हजारे ने कहा कि मैं कभी ना हारा हूं और ना हारूंगा, जबतक मेरे शरीर में प्राण है लड़ता रहूंगा. दिल्ली में एक बार फिर आंदोलन करूंगा,रालेगण में 7 और 8 अक्टूबर को देशभर के लोगों से बातचीत करूंगा, फिर आंदोलन की रूप रेखा तय करूंगा और अगर सरकार वादे पूरे करती तो इसी साल के आखिरी या अगले साल की शुरुआत में आंदोलन करूंगा.
 

 
इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह भ्रष्टाचार का बढ़ना, लोकपाल के लिए पूरी जनता खड़ी हुई लेकिन सरकार के 3 साल पूरे होने के बाद भी इस पर अमल नहीं किया गया. अन्ना हजारे ने फोर्ब्स की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार मामले में एशिया में भारत पहले स्थान पर है, उन्होंने कहा कि लोकपाल का उद्देश्य शासन में जो मनमानी चल रही है उसे रोकना है. सरकार ने धारा 44 लाकर लोकपाल को कमजोर किया. 
 
बिना किसी चर्चा के पास हुआ लोकपाल बिल
 
समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा कि 27जुलाई 2017 को लोकसभा में लोकपाल बिल आया लेकिन बिना चर्चा करते हुए इसे पास कर दिया गया. 28 जुलाई 2017 में राज्यसभा में बिना चर्चा के बिल को पास कर दिया गया और अगले ही दिन यानी की 29 जुलाई को राष्ट्रपति ने लोकपाल बिल को मंजूरी दे दी. लोकपाल बिल पास होने के 3 दिन में कानून भी बन गया.
 
सरकार पर अन्ना का हमला
 
अन्ना हजारे ने कहा कि जनता की सरकार नहीं है,पार्टी की सरकार है जो केवल अपनी पार्टी के बारे में ही सोचती है, लोकपाल की नियुक्ति पर कहा कि अगर विपक्षी नहीं है फिर भी सरकार लोकपाल को नियुक्त करे. गांधी जी और विवेकानंद हमारे प्रेरणास्रोत रहें है, इसलिए इन सब चीजों से दुःख होता है.
 
अन्ना का नरेंद्र मोदी पर हमला
 
अन्ना हजारे ने कहा कि भ्रष्टाचार कम नहीं हुआ बल्कि बढ रहा है, मोदी जी हमारे जैसे सामान्य लोगों को जवाब नहीं देते वो industrialist की सुनते हैं. अन्ना हजारे ने पीएम मोदी को पत्र के जरिए कहा  कि पिछले 3 साल में आपकी सरकार ने किसी पत्र का जवाब नहीं दिया. इसके लिए अब मैने दिल्ली में आंदोलन करने का निर्णय लिया है. अन्ना हजारे ने कहा कि जो हमारे साथ इस आंदोलन में शामिल होगा उसे 100 रुपए के एक बॉन्ड देना होगा कि वो किसी पार्टी में शामिल नहीं होंगे और ना ही पार्टी बना पाएंगे. अन्ना हजारे ने मोदी को 
 
 
लिखे गए लेटर में कहा कि लोकपाल और लोकायुक्त कानून बनते समय संसद के दोनो सदनों में विपक्ष की भूमिका निभा रही बीजेपी ने भी इस कानून को पुरा समर्थन दिया था. तना ही नहीं ना कभी मन की बात में लोकपाल और लोकायुक्त का जिक्र किया गया. 
 
अन्ना हजारे ने नरेंद्र मोदी को लिखा कि सत्ता में आने से पहले आपने आश्वासन दिया था कि भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाएंगे. हालांकि आप 3 साल से लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ती नहीं कर सके. सुप्रीम कोर्ट ने भी आपकी सरकार को बार-बार फटकार लगाई है. इससे ये साफ है कि आप लोकपाल, लोकायुक्त कानून पर अमल करने के लिए इच्छाशक्ति नहीं दिखा रहे हैं.
 

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