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करवा चौथ 2017 : इस दिन चांद की पूजा करने के पीछे ये है खास वजह

करवा चौथ का व्रत इस बार 8 अक्टूबर यानि रविवार को है. इस दिन महिलाएं चांद की पूजा कर अपने पति की लंबी आयु के लिए कामना करती हैं. महिलाएं चंद्रोदय के बाद पूजा कर अपने पति के हाथ से जल पीकर अपना व्रत खोलती हैं. इस व्रत को करने की परंपरा बेहद पुरानी है.

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  • Last Updated: October 6, 2017 05:17:02 IST
नई दिल्ली. करवा चौथ का व्रत इस बार 8 अक्टूबर यानि रविवार को है. इस दिन महिलाएं चांद की पूजा कर अपने पति की लंबी आयु के लिए कामना करती हैं. महिलाएं चंद्रोदय के बाद पूजा कर अपने पति के हाथ से जल पीकर अपना व्रत खोलती हैं. इस व्रत को करने की परंपरा बेहद पुरानी है. इस दिन चांद की पूजा करने के पीछे कई कारण मौजूद है. तभी तो पूरे देश में इस त्योहार को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन चांद की पूजा का विशेष महत्व होता है. इसीलिए आज हम आपको इस खबर के माध्यम से बताने जा रहे हैं कि आखिर चांद की पूजा क्यों की जाती है.
 
 
. एक शोध के मुताबिक चंद्रमा पुरुष रूपी ब्रह्मा का रूप है जिसकी उपासना करने से इंसान के सारे पाप दूर हो जाते हैं. 
 
. चंद्रमा को लंबी आयु का वरदान मिला है. चांद के पास  प्रेम और प्रसिद्धि है. यही वजह है कि सुहागिने चंद्रमा की पूजा करती हैं. जिससे ये सारे गुण उनके पति में भी आ जाए. 
 
 
. चंद्रमा को शांति का प्रतीक माना जाता है और इससे मिली मानसिक शांति से रिश्ते मजबूत होते हैं.
 
. पुराणों के अनुसार चंद्रमा शिव जी की जटा का गहना है. इसलिए इसे दीर्घायु का भी प्रतीक माना जाता है. इसलिए रिश्तों की मजबूती तथा पति की . दीर्घायु के लिए व्रत का समापन चंद्र दर्शन के साथ होता है. 
 
 
. हर लड़की रूप, शीतलता, प्रेम और लंबी आयु वाले पति की कामना करती है इसलिए हमारे देश में कुंवारी लड़कियां भी अपने अच्छे पति की कामना में ये व्रत रखती हैं.
 
. चंद्रमा की पूजा अविवाहित लड़कियां भी कर सकती हैं इसलिए चंद्रमा की पूजा करवाचौथ में की जाती है.
 
. इस व्रत में शिव, पार्वती, कार्तिकेय, गणेश तथा चंद्रमा का पूजन किया जाता है. करवा चौथ की भी अपनी एक कहानी है जिसे स्त्रियां कथा के रूप में व्रत के दिन सुनती हैं.
 

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