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नोएडा अथॉरिटी घोटाला मामले में आरोपी यादव सिंह की याचिका पर दिवाली के बाद ‘सुप्रीम’ सुनवाई

नोएडा अथॉरिटी के हजारों करोड़ रुपये के घोटाला मामले में आरोपी यादव सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि ED ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो मामले की सुनवाई दिवाली की छुटियों के बाद करेंगे. इससे स्पष्ट होता है कि यादव सिंह फिलहाल जेल में ही रहेंगे.

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  • Last Updated: October 13, 2017 12:46:21 IST
नई दिल्ली. नोएडा अथॉरिटी के हजारों करोड़ रुपये के घोटाला मामले में आरोपी यादव सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि ED ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो मामले की सुनवाई दिवाली की छुटियों के बाद करेंगे. इससे स्पष्ट होता है कि यादव सिंह फिलहाल जेल में ही रहेंगे. 
 
यादव सिंह ने कहा कि इस मामले में 60 दिनों में प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप पत्र दाखिल नही किया. यादव सिंह ने कहा कि 29 अप्रैल को 60 दिन पूरे हुए और 30 अप्रैल को रविवार था. 1 मई को यादव सिंह ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल कर दी. लेकिन प्रवर्तन निदेशालय ने 2 मई को आरोप पत्र दाखिल किया. यादव सिंह ने कहा कि कानूनन 60 दिनों के भीतर आरोप पत्र दाखिल न होने पर जमानत मिल जाती है लेकिन इस केस में हाई कोर्ट ने जमानत नही दी. यादव सिंह ने इस केस में संजय दत्त के अलावा कई और केसों का उदाहरण दिया. 
 
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने याचिका खारिज कर दी थी. बता दें कि लखनऊ जेल में बंद यादव सिंह ने प्रवर्तन निदेशालय के मामले में जमानत याचिका दायर की थी, जो खारिज कर दी गई. 
 
बता दें कि यादव सिंह सहित उनके नोएडा अथॉरिटी के नौ साथी बहुचर्चित टेंडर घोटाले में डासना जेल में सजा काट रहे हैं. यादव सिंह पर आरोप है कि उन्होंने नोएडा प्राधिकरण में चीफ इंजीनियर रहते हुए कई सौ करोड़ रुपये घूस लेकर ठेकेदारों को टेंडर बांटे. इतना ही नहीं, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस अथॉरिटी में इंजीनियर रहते हुए यादव सिंह की सभी तरह के टेंडर और पैसों के आवंटन में बड़ी भूमिका होती थी.
 
सीबीआई ने यादव सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420, 466, 467, 469, 481 के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है. यादव सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और कानून के उल्लंघन के संबंध में केस दर्ज किया गया है. इस मामले में अब तक 80 बिल्डरों से पूछताछ हो चुकी है.
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