Inkhabar
  • होम
  • अध्यात्म
  • इस वजह से लगाया जाता है माथे पर तिलक, हरेक उंगली से तिलक लगाने के हैं अलग मायनें

इस वजह से लगाया जाता है माथे पर तिलक, हरेक उंगली से तिलक लगाने के हैं अलग मायनें

हिंदू संस्कृति में कई त्योहार मनाए जाते हैं. हर व्रत या किसी भी शुभ काम में कई चीजें समान होती हैं. जैसे किसी भी शुभ काम को शुरू करने से पहले गणेश जी की पूजा करना, सुबह उठकर पूजा-पाठ करना, किसी भी नए सामान को घर लाने पर सबसे पहले उसकी आरती करना, कहीं जाने से पहले भगवान का आशर्वाद लेना. ऐसा ही एक काम और है .

Know why it is applied Tilak on the forehead, with which finger is the use of Tilak, importance of applying tilak, Significance of wearing tilak, tilak on forehead, Benefits of Applying Tilak on Forehead
inkhbar News
  • Last Updated: October 28, 2017 03:09:43 IST
नई दिल्ली. हिंदू संस्कृति में कई त्योहार मनाए जाते हैं. हर व्रत या किसी भी शुभ काम में कई चीजें समान होती हैं. जैसे किसी भी शुभ काम को शुरू करने से पहले गणेश जी की पूजा करना, सुबह उठकर पूजा-पाठ करना, किसी भी नए सामान को घर लाने पर सबसे पहले उसकी आरती करना, कहीं जाने से पहले भगवान का आशर्वाद लेना. ऐसा ही एक काम और है जो किसी भी शुभ कार्य के दौरान किया जाता है. वो है तिलक लगाना. दरअसल हिंदू संस्कृति में तिलक लगाना बेहद शुभ माना जाता है. यदि कोई कहीं शुभ काम के लिए जा रहा है तो उसे तिलक लगा कर भगवान से कामना कर भेजा जाता है, तिलक हम विजय होने और मान-सम्मान के लहजे से भी लगाते हैं. इसीलिए कहा जा सकता है कि तिलक मान-सम्मान का प्रतीक माना जाता है. इसी तरह आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि तिलक कैसे लगाना चाहिए किस उंगली से तिलक लगाने से क्या लाभ होता है. 
 
तिलक लगाने का महत्व
तिलक हमेशा मस्तिष्क के केंद्र पर लगाया जाता है. तिलक को मस्तिक के केंद्र पर लगाने पीछे कारण ये है कि हमारे शरीर में 7 छोटे ऊर्जा केंद्र होते हैं. तिलक को मस्तिष्क के बीच में इसीलिए लगाया जाता है क्योंकि हमारे मस्तिष्क के बीच में आज्ञाचक्र होता है. जिसे गुरुचक्र भी कहते हैं. ये जगह मानव शरीर का केंद्र स्थान है. इसे से एकाग्रता और ज्ञान से परिपूर्ण हैं. गुरुचक्र को बृस्पति ग्रह का केंद्र माना जाता है. बृहस्पति सभी देवों का गुरु होता है. इसीलिए इसे गुरुचक्र कहा जाता है. 
 
ये तो सब ही जानते हैं कि कभी भी तिलक लगाया जाता है तो वो हमेशा अनामिका उंगली से तिलक लगाया जाता है. अनामिका उंगली सूर्य की प्रतीक होती है. अनामिका उंगली से तिलक लगाने से तेजस्वी और प्रतिष्ठा मिलती है. साथ ही जब भी मान-सम्मान के लिए अंगुष्ठ यानि अंगूठे से तिलक लगया जाता है. अंगुष्ठ से तिलक लगाने से ज्ञान और आभूषण की प्राप्ति होती है. विजय प्राप्ति के लिए तर्जनी उंगली से तिलक लगाया जाता है. 
 
 

Tags