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Government Labour Codes Bill On Women Night Shift Duty: नरेंद्र मोदी सरकार की बड़ी पहल, महिलाओं की नाइट शिफ्ट लगाने से पहले लेनी होगी मंजूरी, एक हफ्ते में 6 दिन से ज्यादा काम नहीं, जानें बिल में और क्या हैं प्रावधान

Government Labour Codes Bill On Women Night Shift Duty: मोदी सरकार ने 23 जुलाई 2019 को लोकसभा में द अकूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन्स कोड 2019 में नए प्रावधान पेश किए हैं. इस बिल में कहा गया है कि बॉस को महिलाओं की नाइट ड्यूटी लेने से पहले उनकी सहमति लेनी होगी नहीं तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है. यह कानून उन सभी संस्थानों पर लागू होगा जहां कम से कम 10 कर्मचारी काम करते हैं.

PM Narendra Modi Lok Sabha Speech
inkhbar News
  • Last Updated: July 26, 2019 16:55:58 IST

नई दिल्ली. व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थय और कार्य स्थिति संहिता विधेयक, 2019 के लागू होने पर बॉस को महिलाओं की नाइट ड्यूटी लेने से पहले उनकी सहमति लेनी होगी नहीं तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है. इसके साथ ही निर्धारित प्रतिष्ठानों के मामले में सरकार द्वारा निर्धारित सुरक्षा, अवकाश, काम के घंटे जैसी अन्य शर्तों के अधीन महिलाओं को शाम 7 बजे के बाद और सुबह 6 बजे से पहले काम करने के लिए अनुमति लेनी होगी. ऐसा करने से उन्हें लैंगिक समानता का प्रोत्साहन मिलेगा और यह अंतर्राष्ट्रीय संघटनों सहित विभिन्न मंचों की मांग के अनुरूप है. नाइट शिफ्ट के लिए महिला कर्मचारियों से सहमति की शर्त से प्रावधान का दुरूपयोग टलेगा.

मोदी सरकार ने 23 जुलाई 2019 को लोकसभा में द अकूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन्स कोड में कुछ ऐसे ही प्रावधान पेश किए हैं. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की ओर से तैयार इस बिल को संतोष कुमार गंगवार लोकसभा में पेश कर चुके हैं. मोदी सरकार का यह कानून उन सभी संस्थानों पर लागू होगा जहां कम से कम 10 कर्मचारी काम करते हैं. यह विधेयक 13 श्रम कानूनों की जगह लेगा जो कर्मचारियों की सुरक्षा, स्वास्थय और कार्यस्थल के माहौल की बेहतरी के लिए बने थे. मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए इस नए बिल में फैक्ट्रीज एक्ट 1948, द माइन्स एक्ट 1952 और द कॉन्टैक्टर लेबर (रेगुलेशन एंज अबोलिशन) एक्ट1970 के प्रावधानों को शामिल किया है. इसके साथ ही बिल में बताया गया है कि अगर नियोक्ता किसी गलती से कर्मचारी की मौत हो जाती है को उसे दो साल सजा और पांच लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा.

राज्य या केंद्र सरकार की ओर से विभिन्न वर्गों के कर्मचारियों की ओर से निर्धारित काम के घंटों का पालन करना आवश्यक है. अगर कोई कर्मचारी ओवरटाइम करता है तो उसे दोगुना पैसा देना जरूरी है. इसके साथा ही बिल में कहा गया है कि एक हफ्ते में छह दिन से ज्यादा कोई भी कर्मचारी काम नहीं करेगा. बिल में नियोक्ताओं की भी कई जिम्मदेरियां तय की गई हैं. कर्मचारियों के लिए ऐसा दफ्तर उपलब्ध कराने होगा जहां किसी तरह का खतरा या फिर बीमारी होने की गुंजाइश न हो.

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