नई दिल्ली. भारत ने गुरुवार को जारी विश्व बैंक की वार्षिक ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट में बड़ा सुधार देखा है. यह रैंकिंग में 14 स्थान ऊपर चढ़कर 63वें स्थान पर पहुंच गया है. देश पिछली रैंकिंग में 190 देशों में 77 वें स्थान पर था, एक साल पहले की स्थिति की तुलना में 23 स्थानों का सुधार देखा गया है. नवीनतम रैंकिंग में एक बड़ी कूद लगाई है. हालांकि ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को शीर्ष 50 ब्रैकेट में लाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं था. भारत 2018 की रिपोर्ट में पहले 100 देशों के क्लब में था. तब से अब तक 30 स्थानों की छलांग लगाने में सफल रहा है. नवीनतम रिपोर्ट में भारत और नौ अन्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं का नाम दिया गया है जिन्होंने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सबसे उल्लेखनीय सुधार दिखाया है.
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के स्कोर में सुधार के साथ 3.5 के स्कोर के साथ देश को सबसे बेहतर में नौवें स्थान पर रखा गया है. सऊदी को इस मीट्रिक में शीर्ष पर स्थान दिया गया है, जिसमें 7.7 का स्कोर है, जबकि पाकिस्तान को 5.6 के स्कोर के साथ छठे स्थान पर रखा गया है. देश कुल मिलाकर 108 वें स्थान पर है. यह कहते हुए कि भारत ने एक उल्लेखनीय सुधार का प्रयास किया है, विश्व बैंक ने नोट किया कि भारत लगातार तीसरे वर्ष शीर्ष 10 सुधारकों की सूची में शामिल हो गया है, जिसे उन्होंने अर्थव्यवस्था के आकार को देखते हुए सराहनीय बताया. नरेंद्र मोदी सरकार की प्रमुख मेक इन इंडिया योजना की प्रशंसा करते हुए, रिपोर्ट में कहा गया है कि इसने विदेशी निवेश को आकर्षित करने, निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने और देश की समग्र प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने में मदद की है.
2015 में सरकार का लक्ष्य 2020 तक व्यापार रैंकिंग करने में आसानी से 50 शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होना था. प्रशासन के सुधार प्रयासों ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस द्वारा मापा जाने वाले सभी क्षेत्रों को लक्षित किया, जिसमें करों का भुगतान करने, सीमाओं पर व्यापार करने और दिवाला समाधान पर ध्यान केंद्रित करना शामिल किया गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि देश ने ऊंची छलांग लगाई है, जिससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस 2016 में बिजनेस रैंकिंग में 130 करने से लेकर बिजनेस करने में 2020 तक 63 हो गई है.
India's ease of doing business ranking improves, jumps 14 places to rank 63. pic.twitter.com/RcOj4Y1Jgk
— ANI (@ANI) October 24, 2019