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RBI may Cut Interest Rates: आर्थिक सुस्ती से निपटने के लिए आरबीआई एक बार फिर ब्याज दरों में कर सकता है कटौती

RBI may Cut Interest Rates: भारतीय अर्थव्यवस्था में छाई आर्थिक सुस्ती से निपटने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) इस साल में छठी बार ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. हाल ही में केंद्र सरकार ने आंकड़े जारी कर बताया था कि जुलाई-सितंबर तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट गिरकर 4.5 के बहुत कम स्तर पर पहुंच गई है.

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  • Last Updated: December 1, 2019 18:02:50 IST

नई दिल्ली. देश की गिरती जीडीपी विकास दर को संभालने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ब्याज दरों में एक बार फिर कटौती कर सकता है. पीटीआई की खबर के मुताबिक अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए आरबीआई साल 2019 में छठी बार ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. आरबीआई ने अगस्त महीने में ही रेपो रेट में 35 बेसिस पॉइंट्स की कमी की थी. साल 2019 में केंद्रीय रिजर्व बैंक 135 बेसिस पॉइंट की कटौती कर चुका है.

रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल दिसंबर महीने में ही आरबीआई गर्वनर शशिकांत दास ने पदभार संभाला था. तब से लेकर अब तक जब भी बहुसदस्यीय मोनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की बैठक हुई है, आरबीआई ने ब्याज दरों में कटौती की है. ऐसे में माना जा रहा है कि 5 दिसंबर को भारतीय रिजर्व बैंक एक बार फिर बैंक दरों में कमी की घोषणा कर सकता है.

दो दिन पहले ही केंद्र सरकार ने आर्थिक विकास दर के आंकड़े जारी किए थे. जिसमें साल 2019-20 की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट में 0.5 फीसदी की कमी आई. वर्तमान में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 4.5 फीसदी हो गई है, जो कि पिछले 6 साल के सबसे कम स्तर पर है.

इसके साथ ही सरकार ने बताया कि देश के बिजली, कोयला, क्रूड ऑयल समेत 8 कोर सेक्टर में अक्टूबर महीने का उत्पादन 5.8 प्रतिशत तक गिरा है. देश की अर्थव्यवस्था के लिए काफी चौंकाने वाले आंकड़े हैं.

एक्सपर्ट्स के मुताबिक वैश्विक आर्थिक मंदी का असर भारतीय बाजार में पड़ रहा है. कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों के उत्पादन में कमी आई है. इससे बेरोजगारी की समस्या भी बढ़ रही है. तीन महीने पहले ही केंद्र सरकार ने आर्थिक सुस्ती से निपटने के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर में कमी की थी. हालांकि इसका भी कुछ खास असर अर्थव्यवस्था पर नहीं दिख रहा है. पिछले एक साल में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 2.5 प्रतिशत तक गिर गई है.

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