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Pakistan Students Protest: जेएनयू की तरह पाकिस्तान में प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट्स पर पीएम इमरान खान का बयान- यूनिवर्सिटी कैंपस युद्ध क्षेत्र में तब्दील हो रहे

Pakistan Students Protest: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के छात्रों की तरह सरहद पार पाकिस्तान में भी यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. पाक प्रधानमंत्री इमरान खान का कहना है कि यूनिवर्सिटी कैंपस का माहौल खराब हो रहा है और छात्र संगठन हिंसक युद्धक्षेत्र में तब्दील होते जा रहे हैं. पाकिस्तान सरकार शिक्षण संस्थानों में सकारात्मक माहौल लाने के लिए नए नियम लागू करेगी.

Pakistan Students Protest
inkhbar News
  • Last Updated: December 1, 2019 23:52:59 IST

इस्लामाबाद. दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, जेएनयू की तरह पाकिस्तान में भी स्टूडेंट्स इमरान खान सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. पाक पीएम इमरान खान ने प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं पर निशाना साधा है. इमरान खान का कहना है कि पाकिस्तान के यूनिवर्सिटी में छात्र संगठन हिंसक होते जा रहे हैं जो कि कैंपस के माहौल को खराब कर रहे हैं. आपको बता दें कि दो दिन पहले ही पाकिस्तान में 50 से ज्यादा जगहों पर एक साथ यूनिवर्सिटी छात्रों ने फीस बढ़ोतरी, छात्र संगठन बहाली और अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार रात दो ट्वीट किए. इनमें उन्होंने लिखा कि विश्वविद्यालय देश के भविष्य के नेताओं को तैयार करते हैं और छात्र संगठन इस प्रक्रिया का हिस्सा होते हैं. मगर दुर्भाग्य से पाकिस्तान की यूनिवर्सिटीज में स्टूडेंट यूनियन हिंसक युद्धक्षेत्र में बदलते जा रहे हैं जो कि विश्वविद्यालय कैंपस के बौद्धिक माहौल को खत्म कर रहे हैं.

इमरान खान का कहना है कि प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों की तर्ज पर पाकिस्तान में भी नए नियम लागू करेंगे. ताकि यूनिवर्सिटी में छात्र संगठनों को सुचारू कर स्टूडेंट्स के भविष्य के हित को ध्यान में रखकर सकारात्मक माहौल दे सके.

गौरतलब है कि शुक्रवार को पाकिस्तान में 50 जगहों पर एक साथ स्टूडेंट्स ने प्रोटेस्ट किया था. वहां के स्टूडेंट्स की मांग है कि शिक्षण संस्थानों में छात्र-छात्राओं को बेहतर सुविधा मिले, फीस में कमी लाई जाए, छात्र संगठनों की बहाली की जाए, लैंगिक समानता पर जोर दिया जाए और स्टूडेंट्स की अभिव्यक्ति और विचारधारा की स्वतंत्रता का ख्याल रखें.

पिछले महीने ही भारत के सबसे बड़े विश्वविद्यालयों में से एक जेएनयू में भी छात्र-छात्राओं ने हॉस्टल मैनुअल और फीस वृद्धि के खिलाफ मोर्चा खोला था. इसके बाद सरकार ने आंशिक फीस कम करने का फैसला लिया था, मगर जेएनयू स्टूडेंट्स फिर भी डटे रहे. छात्रों ने संसद तक पैदल मार्च भी किया था. जिसमें हुई पुलिस कार्रवाई के बाद कई स्टूडेंट्स को चोट पहुंची थी.

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