नई दिल्ली: पिछले तीन महीने से देश में कोरोना संकट के चलते एक के बाद एक लागू किए गए लॉकडाउन की वजह से देश की आर्थिक हालत बेहद खस्ता हालत में आ गई है. ऐसे में आर्थिक मोर्चे पर लगातार कमजोर पड़ रही केंद्र की मोदी सरकार ने उन सभी योजनाओं को बंद करने का फैसला किया है जिसका एलान सरकार ने 2020-21 के आम बजट में किया था. जानकारी के मुताबिक यह आदेश उन योजनाओं पर भी लागू होगा, जिनके लिए वित्त मंत्रालय के खर्च विभाग ने सैद्धांतिक मंजूरी दे रखी है. यानी जिन योजनाओं का बजट भी मंजूर है वो योजनाएं भी अब ठंडे बस्ते में पड़ती नजर आ रही है.
हालांकि सरकार के आत्मनिर्भर योजनाओं पर ये आदेश लागू नहीं होगा. गौरतलब है कि सरकार ने करीब 21 लाख करोड़ के आत्मनिर्भर योजना का ऐलान किया था जिसमें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना भी शामिल है. हालांकि सरकार की तरफ से अभी तक साफ नहीं है कि कौन सी योजनाएं चालू रहेंगी और कौन सी योजनाओं को बंद किया जाएगा.
वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार के पास राजस्व की भारी कमी है जिसके चलते इन योजनाओं को बंद करने का फैसला किया गया है. लेखा महानियंत्रक के पास मौजूद रिपोर्ट के मुताबिक सरकार को अप्रैल 2020 के दौरान 27,548 करोड़ रुपये राजस्व मिला जो बजट अनुमान का 1.2% था जबकि सरकार ने 3.07 लाख करोड़ खर्च किया, जो बजट अनुमान का 10 फीसदी था. ऐसे में सरकार के पास राजस्व का टोटा होना स्वभाविक है, यही कारण है कि सरकार कई योजनाओं को फिलहाल ठंडे बस्ते में डालने जा रही है.