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Labour Code Bill Passed: विपक्ष के बहिष्कार के बीच राज्यसभा में 3 लेबर कोड बिल पारित, सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

Labour Code Bill Passed: नए बिल के मुताबिक तहत कंपनियों को बंद करने की बाधाएं खत्म होंगी और अधिकतम 300 कर्मचारियों वाली कंपनियों को सरकार की इजाजत के बिना कर्मचारियों को निकालने की अनुमति होगी. राज्यसभा ने ध्वनि मत से औद्योगिक संबंध, सामाजिक सुरक्षा और व्यावसायिक सुरक्षा पर शेष तीन श्रम संहिताओं को पारित कर दिया किया. इस दौरान आठ सांसदों के निष्कासन के विरोध में कांग्रेस, वामपंथी और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने राज्यसभा की कार्रवाई का बहिष्कार किया.

Three Labour code bills
inkhbar News
  • Last Updated: September 23, 2020 16:01:49 IST

नई दिल्ली: कृषि व अन्य विधेयकों को लेकर विपक्षी दल लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है. लगभग सभी विपक्षी दल सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर रहे हैं. विपक्षी दलों के सदन की कार्यवाही के बॉयकॉट के बावजूद राज्यसभा में बुधवार तीन लेबर कोड बिलों को पारित कर दिया गया जिन्हें मंगलवार को लोकसभा में पारित किया गया था. राष्ट्रपति के दस्तखत के बाद यह कानून बन जाएंगे. सरकार का दावा है कि यह बिल श्रम क्षेत्र में बड़े सुधार लाएंगे. हालांकि कई श्रमिक संगठन और कांग्रेस पार्टी इनका विरोध भी कर रही है.

नए बिल के मुताबिक तहत कंपनियों को बंद करने की बाधाएं खत्म होंगी और अधिकतम 300 कर्मचारियों वाली कंपनियों को सरकार की इजाजत के बिना कर्मचारियों को निकालने की अनुमति होगी. राज्यसभा ने ध्वनि मत से औद्योगिक संबंध, सामाजिक सुरक्षा और व्यावसायिक सुरक्षा पर शेष तीन श्रम संहिताओं को पारित कर दिया किया. इस दौरान आठ सांसदों के निष्कासन के विरोध में कांग्रेस, वामपंथी और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने राज्यसभा की कार्रवाई का बहिष्कार किया.

इस बीच श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने तीनों श्रम सुधार विधेयकों पर हुई बहस का जवाब देते हुए कहा ‘श्रम सुधारों का मकसद बदले हुए कारोबारी माहौल के अनुकूल पारदर्शी प्रणाली तैयार करना है.’ संतोष गंगवार ने कहा कि 16 राज्यों ने पहले ही अधिकतम 300 कर्मचारियों वाली कंपनियों को सरकार की अनुमति के बिना फर्म को बंद करने और छंटनी करने की इजाजत दे दी है. गंगवार ने कहा कि रोजगार सृजन के लिए यह उचित नहीं है कि इस सीमा को 100 कर्मचारियों तक बनाए रखा जाए, क्योंकि इससे नियोक्ता अधिक कर्मचारियों की भर्ती से कतराने लगते हैं और वे जानबूझकर अपने कर्मचारियों की संख्या को कम स्तर पर बनाए रखते हैं.

श्रम मंत्री ने ये भी कहा कि ये विधेयक कर्मचारियों के हितों की रक्षा करेंगे और भविष्य निधि संगठन तथा कर्मचारी राज्य निगम के दायरे में विस्तार करके श्रमिकों को सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेंगे.गौरतलब है कि बुधवार को राज्यसभा की कार्यवाही में सात विधेयकों को लाए जाने का फैसला किया गया, जिसमें 3 लेबर कोड बिल के अलावा विदेशी अंशदान (विनियमन) संशोधन विधेयक 2020, क्वालिफाइड फाइनेंशियल कॉन्ट्रैक्ट्स बिल 2020 और जम्मू कश्मीर आधिकारिक भाषा बिल शामिल थे. वहीं, विपक्ष ने सदन के बहिष्कार का फैसला किया.

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