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Vaikuntha Chaturdashi 2020: जानिए बैकुंठ चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Vaikuntha Chaturdashi 2020: हिंदू धर्म के अनुसार हर साल बैकुंठ चतुर्दशी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है. माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु जी का व्रत रखने पर बैकुंठधाम की प्राप्ति होती है.

vaikuntha chaturdashi 2020
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  • Last Updated: November 29, 2020 10:58:42 IST

नई दिल्ली : हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को बैकुंठ चतुर्दशी मनाई जाती है. इस बार बैकुंठ चतुर्दशी 28 नवंबर दिन शनिवार को मनाई जा रही है. इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु आषाढ़ शुक्ल एकादशी से प्रारंभ होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक अपना चक्र भगवान शिव को देकर विश्राम करते हैं. लेकिन जब देवउठनी एकादशी आती है तो इस दिन भगवान विष्णु जागते हैं. जिसके बाद बैकुंठ चतुर्दशी के दिन ही भगवान शिव, भगवान विष्णु को उनका चक्र दोबारा सौंपते हैं.

बैकुंठ चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त

28 नवंबर को प्रातः 10 बजकर 22 मिनट
29 नवंबर को दोपहर 47 बजे

वैकुण्ठ चतुर्दशी का महत्व

हिंदू धर्म के अनुसार वैकुण्ठ चतुर्दशी प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है. कार्तिक माह में इसका विशेष महत्व होता है. इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की आराधना की जाती है. मान्यता है कि वैकुण्ठ चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव पूजा करने से जातकों को वैकुण्ठधाम (स्वर्ग) में स्थान प्राप्त होता है. ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि ऐसा बहुत ही कम होता है, जब इन दोनों देवों की पूजा एक साथ की जाती है.

वैकुण्ठ चतुर्दशी की पूजाविधि

वैकुण्ठ चतुर्दशी के दिन सबसे पहले स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें. इसके बाद भगवान विष्णु जी और भगवान शिव की पूजा करें. साथ ही व्रत का संकल्प करें. फिर पूरे दिन विष्णु और शिव जी के नाम का उच्चारण करें. शाम के समय 108 पुष्पों के साथ भगवान विष्णु की आराधना करें. इसके अगले दिन सुबह भगवान शिव का पूजन करें. इसके अगले दिन सुबह भगवान शिव का पूजन करें.

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