नई दिल्ली. सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार की तरफ से शिक्षा के क्षेत्र में शानदार काम किए जा रहे हैं. स्कूलों का ढांचागत विकास करने के बाद केजरीवाल सरकार अब स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस केंद्र खोलेगी. पूरी दुनिया की प्रतिभा को टक्कर देने के उद्देश्य से इन्हें शुरू करने का फैसला किया गया है. इसके अलावा शिक्षकों को विदेशों में प्रशिक्षण दिलाया जाएगा.
9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए एक्सीलेंस केंद्र
दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में 9वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए के 100 स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस केंद्र खोले जाएंगे. इसमें वर्तमान प्रतिभा विकास विद्यालय और 5 साल पहले खोले गए स्कूल ऑफ एक्सीलेंस को भी शामिल किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस शुरू करने के पीचे उद्देश्य यह है कि अलग-अलग क्षेत्र की प्रतिभाओं को बेहतरीन सुविधाओं के साथ वर्ल्ड क्लास सुविधाएं देकर पढ़ाया जा सके.
शिक्षकों को विदेशों में दिलाया जाएगा प्रशिक्षण
दिल्ली के अध्यापकों को विश्वस्तरीय बनाने के लिए भी केजरीवाल सरकार काम कर रही है. दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को आईआईएम, कैंब्रिज हार्वर्ड, फिनलैंड, सिंगापुर में प्रशिक्षण दिलाया जाएगा. केजरीवाल सरकार की ओर से 2020 में इसकी शुरुआत की जानी थी. लेकिन कोरोना की वजह से इसको अमलीजाम नहीं पहनाया जा सका. ऐसे में इस वर्ष शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा. इसके अलावा स्कूल बिल्डिंग बनाने, नए कमरे बनवाने और स्कूलों में सीसीटीवी लगवाने के जो कार्य कोरोना के कारण धीमे हो गए थे उन्हें तेजी से शुरू कर दिया गया है. इनमें से कई अपने अंतिम चरण में हैं.
दुनिया भर की प्रतिभाओं के सामने देश के छात्रों को खड़ा करना देशभक्ति
केजरीवाल सरकार की ओर से प्रतिभाओं को चिन्हित कर दुनिया की बेहतरीन प्रतिभाओं के सामने खड़ा किया जाएगा. सरकार बेहतर शिक्षक और संसाधन लगाकर छात्रों को दुनिया की सबसे बेहतरीन प्रतिभा बनाएगी. केजरीवाल सरकार का मानना है कि यही सही देशभक्ति की राजनीति है.