नई दिल्ली. कोरोना की दूसरी लहर ने भारत में काफी तबाही मचाई है। इसमें मौतों का आंकड़ा भी काफी बढ़ा है। दूसरी लहर में वयस्कों और बुजुर्गों के साथ-साथ बच्चे भी शामिल हैं। अब विशेषज्ञों ने ये आशंका जाहिर की है कि कोरोना की तीसरी लहर में सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को होगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार बच्चे सबसे ज्यादा इस वायरस की चपेट में आएंगे। तीसरी लहर के आने तक देश में अधिकतर वयस्कों को कोविड-19 वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी होगी। ऐसे में वयस्कों के मुकाबले बच्चे ज्यादा असुरक्षित होंगे।
बच्चों पर नहीं हुआ है ट्रायल
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 16 साल से कम उम्र के बच्चों को यह वैक्सीन न लगाने की सलाह दी है। ऐसा इसलिए क्योंकि कोरोना वैक्सीन को सिर्फ 16 साल से अधिक उम्र के लोगों पर ही टेस्ट किया गया है।
इम्यूनिटी पर दे ध्यान
बच्चों को कोरोना की तीसरी लहर से सुरक्षित रखने के लिए डॉक्टर्स का मानना है कि बच्चों को हेल्दी खाना खिलाएं जिसमें फल-सब्जियां, फ्रूट जूस और अंडे शामिल हों। जिन बच्चों की खानपान की आदतें अच्छी होती हैं, उन्हें बीमारियां और कोरोना वायरस भी ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाता है। इसके विपरीत कमजोर और कुपोषित बच्चों का इसकी चपेट में आकर नुकसान होने का खतरा ज्यादा है।
यानी जिस तरह से विशेषज्ञों ने ये आशंका जाहिर की है ऐसे में ये जरूरी हो गया है कि वक़्त रहते इसपर काम किया जा सके। क्योंकि अगर ये बात सही हुई तो भारत एक बार फिर बड़ी तबाही से जूझेगा।