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Covid-19 Booster Dose: कैसे और किसे मिलेगी वैक्सीन की बूस्टर डोज

नई दिल्ली. कोरोना की संभावित तीसरी लहर एवं ओमिक्रॉन Omicron के खतरे को देखते हुए देश में काफी समय से बूस्टर डोज Booster dose लगाने की मांग उठ रही थी। रविवार को पीएम मोदी ने घोषणा की है कि 15 से 18 साल के किशोरों का वैक्सिनेशन किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन […]

Booster dose
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  • Last Updated: December 27, 2021 12:23:46 IST

नई दिल्ली. कोरोना की संभावित तीसरी लहर एवं ओमिक्रॉन Omicron के खतरे को देखते हुए देश में काफी समय से बूस्टर डोज Booster dose लगाने की मांग उठ रही थी। रविवार को पीएम मोदी ने घोषणा की है कि 15 से 18 साल के किशोरों का वैक्सिनेशन किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी बूस्टर डोज देने की बात कही। साथ ही 60 साल से ज्यादा के वे लोग, जिन्हें कोई अन्य बीमारी है, उन्हें भी वैक्सीन की प्रीकॉशन डोज दी जाएगी।

बूस्टर डोज के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट जरुरी

बूस्टर डोज एवं वैक्सीनेशन से संबंधित सभी जानकारियां सरकारी कोविन-ऐप COWIN पर उपलब्ध है। इस बारे में ज्यादा जानकारी देते कोविन के प्रमुख और नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के सीईओ डॉक्टर आर.एस. शर्मा ने बताया कि 60 साल से ज्यादा आयु वाले व्यक्ति जो को-मॉरबिडिटी से पीड़ित हैं। वे मेडिकल सर्टिफिकेट दिखाकर तीसरी डोज ले पाएंगे। लाभार्थी अपनी सुगमता के अनुसार मेडिकल सर्टिफिकेट को डिजीटली अपलोड कर या हार्ड कॉपी टीकाकरण केंद्र ले जाकर दिखा सकते हैं।

पुराना फॉर्मूला ही होगा लागू

डॉक्टर शर्मा के अनुसार- जिस प्रकार वैक्सिनेशन के पहले चरण में 45 से 60 साल के उन लोगों को टीके लगाए गए थे जो किसी न किसी बीमारी से पीड़ित थे। तब इससे जुड़े सर्टिफिकेट की मांग भी की गई थी। उसी फॉर्मेट को अनपाते हुए अब 60 साल से ऊपर वालों को किसी रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर द्वारा सत्यापित मेडिकल सर्टिफिकेट दिखाना होगा।

को-मॉरबिडिटी में शामिल हैं 22 तरह की बीमारियां

बता दें कि सरकार के अनुसार को-मॉरबिडिटी में 22 तरह की बीमारियां शामिल की गई हैं। जिनमें मुख्य तौर पर डायबिटीज, किडनी से जुड़ी बीमारी, दिल की बीमारी, स्टेमसेल ट्रांसप्लांट, कैंसर, सिरोसिस, एसिड अटैक पीड़ित, अपंगता और सांस की गंभीर बीमारियां से जूझ रहे रोगी शामिल हैं। साथ ही ऐसे लोग जिन्हैं पिछले दो सालों में अस्पताल में भर्ती करने की जरुरत पड़ी हो, वे भी इसी श्रेणी में आएंगे। गौरतलब है कि देश में फिलहाल 60 से ज्यादा उम्र वालों की आबादी करीब 14 करोड़ है, जबकि हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स की तादाद भी करीब 3 करोड़ होगी।

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